हार की हैट्रिक लगा चुकी डॉ. ज्योति मिर्धा पर बीजेपी ने लगाया दांव, हनुमान बेनीवाल कांग्रेस के साथ मिलकर करेंगे खेला!

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अगले कुछ महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है. राजस्थान में बीजेपी की पहली लिस्ट में कई कांग्रेसियों को टिकट देने और मौजूदा सांसदों का नाम कटने के चलते सियासत गरमा गई है. दूसरी ओर, कांग्रेस की पहली लिस्ट को लेकर फिलहाल मंथन जारी है. इस बीच शेखावटी में मुकाबला बड़ा दिलचस्प होता नजर आ रहा है. पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ने वाली डॉ. ज्योति मिर्धा को बीजेपी ने नागौर से मैदान में उतार दिया है.

उनके लिए यह सीट आसान नहीं होने वाली है क्योंकि वे दो बार लगातार लोकसभा और एक बार विधानसभा का चुनाव हार चुकी हैं. साथ ही मुकाबला इसलिए भी कड़ा हो सकता है क्योंकि उनके सामने हनुमान बेनीवाल मैदान में हो सकते हैं. जिसमें उन्हें कांग्रेस का साथ मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं. 
 

इसके लिए बाकायदा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है. सूत्रों की मानें तो हनुमान बेनीवाल किसी भी सूरत में ज्योति मिर्धा को जीतने नहीं देना चाहते हैं. साथ ही यह भी है कि ज्योति मिर्धा को हराने के लिए कांग्रेस का साथ बेहद जरूरी होगा. 

 

 

कहानी बदलीः बेनीवाल का साथ छूटा तो ज्योति मिर्धा के भरोसे है बीजेपी 

बता दें कि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी के साथ गठबंधन करके ज्योति मिर्धा को 1 लाख 81 हजार वोटों से शिकस्त दी थी. वहीं, उससे पहले 2014 के चुनाव में भी हनुमान बेनीवाल ने निर्दलीय ताल ठोकीं. जिसके चलते बेनीवाल के साथ ही ज्योति मिर्धा भी चुनाव हार गई थी. अब कहानी पूरी तरह बदल गई है. बेनीवाल एनडीए गठबंधन से बाहर हैं और अब ज्योति मिर्धा बीजेपी की सदस्य हैं. जाहिर तौर पर बेनीवाल के दूर होने के बाद बीजेपी नागौर में मिर्धा के भरोसे भरपाई करेगी. 

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2014 के चुनाव में ऐसे बिगाड़ा था बेनीवाल ने खेल

दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव बेनीवाल निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे और एक लाख से ज्यादा वोट लिए थे. जिसकी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी रही डॉ. ज्योति मिर्धा को हार का सामना करना पड़ा. उन दिनों बीजेपी के सीआर चौधरी लोकसभा सांसद चुने गए थे. ऐसे में इस बार भी डॉ. ज्योति मिर्धा की राह आसान नहीं होगी. क्योंकि लोकसभा चुनाव भले ही मोदी के चेहरे पर लड़ा जा रहा है, लेकिन स्थानीय स्तर पर डॉ. ज्योति मिर्धा का प्रभाव इतना भी नहीं है कि वह बेनीवाल को आसानी से मात दे सके. दोनों के बीच पूरी तरह से कड़ी टक्कर के आसार है.    

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