लोकसभा चुनाव में फिर सुनाई दी कन्हैयालाल हत्याकांड की गूंज, गहलोत बोले- 'बीजेपी ने झूठ फैलाया, केस अटकाएं रखा'

Satish Sharma

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लोकसभा चुनाव में फिर सुनाई दी कन्हैयालाल हत्याकांड की गूंज, गहलोत बोले- 'बीजेपी ने झूठ फैलाया, केस अटकाएं रखा'
लोकसभा चुनाव में फिर सुनाई दी कन्हैयालाल हत्याकांड की गूंज, गहलोत बोले- 'बीजेपी ने झूठ फैलाया, केस अटकाएं रखा'
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Udaipur: उदयपुर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद मीणा की नामाकंन को लेकर आयोजित सभा में जमकर शक्ति प्रदर्शन हुआ. इस सभा में उदयपुर लोकसभा से हजारों की संख्या में लोग आए कि कार्यकर्ताओं और आम जनता के बैठने के लिए जो पाण्डाल बनाया था और वह छोटा पड़ गया और सारी कुर्सियां भर गई. नामाकंन सभा में आए लोगों को पाण्डाल के बाहर खड़ा होकर भाषण सुनने को मजबूर होना पड़ा. मीणा ने शनिवार को अपना नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया. इसको लेकर टॉउन हॉल में एक विशाल आम सभा का आयोजन किया गया था. इस आम सभा को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सम्बोधित किया.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी प्रत्याशी ताराचंद मीणा की चुनावी सभा में शामिल होने के लिए उदयपुर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभा में कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच एनआईए के पास थी. घटना के कुछ दिन बाद ही पूरा मामला एनआईए को सौंप दिया गया लेकिन हत्यारों को फांसी नहीं हुई. केन्द्र की भाजपा सरकार ने इस मामले को अटकाएं रखा और विधानसभा चुनाव में इसको भुनाया, साथ ही यह झूठी बात फैला दी कि कन्हैयालाल को पांच लाख रुपए और जयपुर में एक मुस्लिम समाज के व्यक्ति की मौत पर 50 लाख रूपए दे दिए गए. इस झूठी अफवाह को सोशल मीडिया पर इस तरह फैलाया कि सभी लोगों ने उसे सच मान लिया जबकि मुख्यमंत्री रहते हुए कन्हैयालाल के परिजनों से मुलाकात की और उनके दोनों बच्चों को नौकरी देने के साथ ही आर्थिक सहायता ना के रूप में 50 लाख रुपए दिए. वहीं दोनों हत्यारों को पकड़ने वाले दोनों युवाओं को सरकारी नौकरी भी दी.

कई दिनों से चल रही थी तैयारी

इस सभा को लेकर कांग्रेस की ओर से कई दिनों से तैयारी की जा रही थी. इस आम सभा के लिए टॉउन हॉल में एक विशाल टेंट लगाया था और एक बड़ा स्टेज बनाया था और हजारों की संख्या में कुर्सियां लगाई. सुबह करीब 11 बजे टॉउन हॉल में सभा स्थल पर गिने-चुने कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता ही नजर आ रहे थे. इसके बाद उदयपुर  लोकसभा क्षेत्र से लोगों का आना शुरू हुआ जो लगातार चलता रहा. लोग बसों में भर-भर कर आ रहे थे और  प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थान पर बसों से उतरकर सभा स्थल की ओर जा रहे थे. दोपहर को 12.30 में बजे तक तो यह स्थिति हो गई कि सभा स्थल पर लगा रखी सारी कुर्सियां खचाखच हो गई और पाण्डाल में पांव देने की जगह तक नहीं बची.
 

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