मैं नहीं होता तो दिव्या मदेरणा नहीं जीत पाती चुनाव, 2023 में हकीकत सामने आ ही जाएगी- हनुमान बेनीवाल
Exclusive interview of Hanuman Beniwal: सरदारशहर उपचुनाव में कांग्रेस को भारी मतों जीत मिली. आरएलपी 46 हजार 753 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रही. उपचुनाव में हारने के बावजूद आरएलपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल 2023 के आगामी चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन को लेकर दावा कर रहे हैं. उनका कहना है कि […]
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Exclusive interview of Hanuman Beniwal: सरदारशहर उपचुनाव में कांग्रेस को भारी मतों जीत मिली. आरएलपी 46 हजार 753 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रही. उपचुनाव में हारने के बावजूद आरएलपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल 2023 के आगामी चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन को लेकर दावा कर रहे हैं. उनका कहना है कि पिछले चुनाव में भी अगर पार्टी सभी सीटों पर लड़ती तो कई दिग्गज आज विधानसभा नहीं पहुंच पाते. Rajasthan Tak से खास बातचीत में कहा कि दिव्या सहित कई नेताओं को विधानसभा तक पहुंचने में मदद की.
बेनीवाल ने बताया कि खुद दिव्या और उनकी मां 2018 के चुनाव से पहले घर आई थीं. उन्होंने चुनाव में प्रत्याशी नहीं खड़ा नहीं करने का आग्रह किया. बेनीवाल का कहना है कि इसी के चलते दिव्या को उन्होंने सहायता की. यहां तक कि सरकार के कई मंत्री और बीजेपी-कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को भी चुनाव में मदद की, लेकिन आगामी चुनाव में ऐसा नहीं होगा. बेनीवाल ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए चुनाव रणनीति पर खुलकर चर्चा की. पढ़िए इस विशेष साक्षात्कार के संपादित अंश…
सवालः जाट समाज में कई नेता ताल ठोक रहे हैं, दिव्या समेत कई नेताओं को लेकर आप क्या सोचते हैं?
जवाबः मेरी वजह से दिव्या ही नहीं कई बीजेपी-कांग्रेस के नेता चुनाव जीते. मेरी पार्टी नई थी. कई नेताओं ने मुझसे चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारने के लिए आग्रह किया तो मैंने उनके सामने कैंडिटेट नहीं दिया. दिव्या और उनकी मां खुद मुझसे मिलने आई थी. उन्होंने कहा था कि चुनाव में मदद करें. लेकिन वह भूल गई कि हर 5 साल में विधानसभा चुनाव लड़ना भी पड़ता है और जीतना भी. अब 2023 में मेरी पार्टी हर सीट पर चुनाव लड़ेगी. इस बार लड़ेंगे तो ताकत भी बता देंगे.
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सवालः कांग्रेस लगातार उपचुनाव जीत रही है, आप कांग्रेस को मात दे पाएंगे?
जवाबः साल 2018 के चुनाव में मैने कांग्रेस की खुली मदद की. पिछले चुनाव में प्रत्याशी उतारता तो कांग्रेस के लिए आसान नहीं होता. अगले साल चुनाव में ताकत दिखाएंगे.
सवालः सरदारशहर सेमीफाइनल था, वह तो कांग्रेस जीत गई?
जवाबः सबसे ज्यादा कांग्रेस को फायदा मिला उसकी वजह थी सहानुभूति की लहर. भंवरलाल शर्मा की निधन के 40 दिन के भीतर ही चुनाव हो गए. इस परिवार ने घर-घर जाकर रोना-धोना किया. उससे चुनाव में फायदा मिला. जनता के मन में था कि 5 साल के लिए जब सीट भंवरलाल को दी थी तो लोग फिर से जीताना चाह रहे थे. कुछ जाटों के वोट भी बीजेपी को गए.
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सवालः आरएलपी का क्या भविष्य आप देख रहे है?
जवाबः पिछली बार 57 उम्मीदवार लड़ाए और 9 लाख वोट हासिल किए. समय कम होने की वजह से हमें चुनाव में पूरा मौका नहीं मिला. हमारी पार्टी को अब 4 साल हो चुके हैं. अब तैयार हैं. राजस्थान में तीसरा मोर्चा कहा हैं. कम्युनिस्ट को 1500 वोट मिले है और बसपा है ही नहीं. इसलिए हम तीसरा मोर्चा तैयार कर रहे हैं. जिसमें कई जातियों का गठजोड़ होगा और उनके समर्थन से हम बड़ी जीत हासिल करेंगे.
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सवालः आप तो धुंआधार प्रचार कर रहे थे, हार की क्या वजह रही?
जवाबः मुझे जो 10 हजार वोट पिछली बार मिले थे. वह बढ़कर 46 हजार पार हो गए. शहरी क्षेत्र में आरएलपी कमजोर है, लेकिन ग्रामीण में जबरदस्त वोट मिले. मेरा अनुमान था इस उपचुनाव में 60 हजार वोट का. 10 हजार के करीब हमें कम वोट मिले. अब इस सीट पर भी जमकर मेहनत करेंगे. फिर इस सीट को भी निकालेंगे.
सवालः जोधपुर तो गहलोत का गढ़ है, आप वहां कामयाब हो पाएंगे ?
जवाबः मैंने वैभव गहलोत के सामने गजेंद्र सिंह शेखावत को समर्थन दिया. मेरी वजह से वैभव गहलोत को शेखावत हराने में कायमाब हुए. जोधपुर का किला तो हम भेद चुके हैं. पिछले चुनाव में हमने जोधपुर सहित मारवाड़ और राज्य की कई सीट पर वोट हासिल किए.
सवालः पिछले कुछ समय में उपचुनाव में टक्कर देने की कोशिश कर रहे हैं, आपकी पार्टी अब तक के नतीजों को कैसे देखती है?
जवाबः मेवाड़ की वल्लभनगर सीट में हम दूसरे नंबर पर रहे. जाट समाज के साथ हम सर्वसमाज की भी बात कर रहे हैं. हमने पिछली बार ब्राह्मण और राजपूत को भी टिकट दिए. हम गुर्जर-जाट-मीणा समेत सर्वसमाज की बात करने वाले लोग हैं. 2018 में हम नए थे. कांग्रेस और बीजेपी को बैठे-बैठे वोट मिल गए. हर चुनाव में हम जीरों से शुरू होकर मेहनत कर रहे हैं.
सवालः गहलोत-पायलट की गुटबाजी को लेकर विपक्षी पार्टी हवा बनाती है, लेकिन इसके विपरीत जनता तो कांग्रेस सरकार को वोट कर रही है?
जवाबः गहलोत सरकार ने पूरी तरह से सिस्टम का दुरूपयोग किया है. सरकार ने 20 मंत्री और 50 विधायक मैदान में उतार दिए. सरकार को किसी भी उपचुनाव में 5-10 हजार वोट का फायदा मिलता ही है. अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले जब आचार संहिता होगी तो पता चल जाएगा.
सवालः कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का आंकलन कैसे करते हैं?
जवाबःकांग्रेस के राज में बजरी माफिया का आतंक है. गैंगवार की घटनाएं बढ़ी हैं. कानून व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम है. हम इन मुद्दों पर वोट मांगेगे.
सवालः मुख्य पार्टियों से अलग राजस्थान का मतदाता आपकों वोट क्यों करेगा?
जवाबः पार्टी राज्य के कई इलाकों में पैठ बना चुकी है. राजस्थान का नौजवान पसंद करता है. मारवाड़, शेखावटी, मेवाड़ हर जगह हमने अपनी ताकत बढ़ाई है.
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