निर्दलीय MLA रविंद्र भाटी ने बुजुर्ग महिला के साथ किया Video पोस्ट, दिल झकझोर देगी उनकी ये भावुक अपील
Ravindra Singh Bhati viral post: विधायक रविंद्र भाटी ने बुजुर्ग महिला के साथ एक वीडियो पोस्ट किया है जो चर्चा का विषय बन गया है.
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![निर्दलीय MLA रविंद्र भाटी ने बुजुर्ग महिला के साथ किया Video पोस्ट, दिल झकझोर देगी उनकी ये भावुक अपील निर्दलीय MLA रविंद्र भाटी ने बुजुर्ग महिला के साथ किया Video पोस्ट, दिल झकझोर देगी उनकी ये भावुक अपील](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/rajasthantak/images/story/202402/ravindra-singh-bhati-viral-post-768x432.png?size=948:533)
Ravindra Singh Bhati: राजस्थान में बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी (MLA Ravinder Singh Bhati) इन दिनों बॉर्डर के अंतिम गांवों में लोगों से मिल रहे हैं. इसी बीच उनके ‘X’ अकाउंट से एक वीडियो अपलोड हुआ है जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है. इसमें सीमावर्ती इलाके में रहने वाली एक बुजुर्ग मां अपने गांव का दर्द बयां करते हुए विधायक भाटी से कह रही है कि आजादी के इतने बरस बीत गए लेकिन, अभी तक पीने का पानी नहीं आया. इस पर विधायक भाटी बुजुर्ग मां को जवाब देते हुए कह रहे हैं कि “आप इसकी चिंता छोड़ दो. मैं यहां पर पानी की व्यवस्था करवा दूंगा. आप तो अपनी तबीयत का खयाल रखो.”
दरअसल, रविंद्र सिंह भाटी इन दिनों उन इलाकों में घूम रहे हैं जहां पर आजादी के इतने सालों बाद भी आधारभूत सुविधाओं की कमी है. यहां तक कि पीने का पानी लाने के लिए भी लोगों को लंबा संघर्ष करना पड़ता है. रविंद्र भाटी के लिए भी इन इलाकों में पानी पहुंचाना बहुत बड़ा चैलेंज है. क्योंकि भाटी निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने हैं और बीजेपी ने उन्हें अब तक शामिल भी नहीं किया है. ऐसे में तमाम जानकार इस बात को लेकर चर्चा कर रहे हैं कि आखिर भाटी किस तरह से बॉर्डर के इलाकों के लोगों की प्यास बुझायेंगे.
भाटी ने वीडियो के साथ दिया ये खूबसूरत मेसेज
भाटी ने वीडियो को अपने ‘X’ अकाउंट से ‘एक मार्मिक अपील’ टाइटल के साथ शेयर करते हुए लिखा, “विषय केवल पीने का पानी, चेहरे पर झुर्रियां, आवाज में नज़ाकत, उम्मीद अपनी पराकाष्ठा पर और आंखो में एक ख्वाहिश केवल इतनी कि पीने का पानी मिल जाए. आजादी के 75 साल बाद, पेयजल की मार्मिक अपील झकझोर कर रख देती है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग, मशीन लार्निंग के दौर में ये मांग, मानवता पर प्रश्न चिह्न है. वक़्त बदलाव का है, वक्त सरहद का है. अब समस्या पर संवाद नहीं समाधान होगा…”
*एक मार्मिक अपील*
विषय केवल पीने का पानी,
चेहरे पर झुर्रियां, आवाज में नज़ाकत, उम्मीद अपनी पराकाष्ठा पर और आंखो में एक ख्वाहिश केवल इतनी कि पीने का पानी मिल जाए।आजादी के 75 साल बाद, पेयजल की की मार्मिक अपील झकझोर कर देती हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग, मशीन… pic.twitter.com/EkyfqtKu8O
— Ravindra Singh Bhati (@RavindraBhati__) February 14, 2024
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आजादी के सालों बाद भी नहीं पहुंच पाया पीने का पानी
शिव विधानसभा के इस निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी की पोस्ट के बाद हर कोई सोचने पर मजबूर हो गया है कि बॉर्डर के गांवों की स्थिति क्या होगी? जहां पीने का पानी लाने के लिए भी कई किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है. आजादी के बाद से कई बार सरकारें बदलीं लेकिन, चुनावी दावों में वादा करने वाली सरकारें आज दिन तक भारत -पाक से लगती सीमा में सटे गांवों में पानी तक नहीं पहुंचा पाई. एक तरफ जहां केंद्र की मोदी सरकार हर घर को नल से जोड़ने का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ बाड़मेर -जैसलमेर के दर्जनों सीमावर्ती गांव पानी की एक -एक बूंद के लिए तरस रहे हैं.
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