Lok Sabha Election 2024: Opinion & Exit Poll में क्या अंतर है? किसकी विश्वसनीयता अधिक होती है

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Lok Sabha election 2024: ओपिनियन और एग्जिट पोल में क्या अंतर है? किसकी विश्वसनीयता अधिक होती है
Lok Sabha election 2024: ओपिनियन और एग्जिट पोल में क्या अंतर है? किसकी विश्वसनीयता अधिक होती है
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Differences Between Exit Polls and Opinion Polls: लोकसभा चुनाव 2024 का सातवां और आखिरी चरण आज 1 जून को संपन्न हो रहा है. चुनाव खत्म होने के साथ ही सभी की निगाहें आज शाम 6 बजे आने वाले एग्जिट पोल पर टिकी होंगी. हालांकि, चुनाव के सातों चरणों के खत्म होने से पहले ही वोटर्स के मन को टटोलकर यह पोल तैयार किया जाता है. जिसमें मतदाताओं से पूछा जाता है कि वे किसे वोट देने जा रहे हैं और नतीजों से पहले जनता की राय जानकर डेटा का विश्लेषण किया जाता है. 

Opinion Poll & Exit Poll में क्या अंतर है? 

ओपिनियन पोल (opinion polls) चुनाव से पहले के दिनों, हफ्तों या महीनों में किए जाते हैं. इन सर्वेक्षणों का उद्देश्य जनता से राजनीतिक विकल्पों पर प्रतिक्रिया एकत्र करना है. एग्जिट पोल के माध्यम से मतदान के दौरान वोटर्स से जाना जाता है कि उन्होंने किसे वोट डाला है. मतदाताओं की पसंद का आंकलन करने के लिए चुनाव से पहले और मतदान के दौरान आंकड़ें एकत्रित किए जाते हैं. इससे सर्वे एंजेसी पता करने की कोशिश करती है कि किस पार्टी का कितना रुझान है. 

Opinion Poll & Exit Poll किस पर आधारित होते हैं 

ओपिनियन पोल में प्रश्न सरकारी योजनाओं, पसंदीदा राजनीतिक दलों और कभी-कभी, नीतिगत विषयों पर आधारित होते हैं. एग्जिट पोल में मतदाताओं से उम्मीदवारों की उनकी पसंद और उनकी पसंद को प्रभावित करने वाले प्वाइंट्स के बारे में पूछा जाता है. 

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Opinion Poll & Exit Poll का कब किया जाता है सर्वे

एग्जिट पोल मतदान के दिन, मतदाताओं के मतदान केंद्रों से निकलने के तुरंत बाद उनसे जानते हैं उन्होंने किसे वोट किया है. वहीं ओपिनियन पोल में मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने वास्तव में किसे वोट दिया, जिससे चुनाव परिणाम का वास्तविक समय का स्नैपशॉट मिलता है. कुल मिलाकर, ओपिनियन पोल संभावित मतदाता व्यवहार की भविष्यवाणी करते हैं, एग्जिट पोल वास्तविक मतदान पैटर्न को दर्शाते हैं. 

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विश्वसनीयता और आलोचना

ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल दोनों की सटीकता पर हमेशा सवाल उठते रहते हैं. ओपिनियन पोल विभिन्न कारकों से प्रभावित हो सकते हैं, जैसे कि नमूना लेने के तरीके और समय, जो मतदाताओं के अंतिम निर्णय को पूरी तरह से नहीं पकड़ सकते हैं. एग्जिट पोल, आम तौर पर अधिक सटीक होते हुए भी त्रुटियों के अधीन हो सकते हैं, खासकर अगर उत्तरदाता सत्य नहीं बताते हैं. भारत में एग्जिट पोल कई कानूनों के अधीन हैं, जिनमें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126A शामिल है.
 

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