Lok Sabha Election: अलवर में 10 वर्ष बाद मतदान प्रतिशत में 7 प्रतिशत गिरावट, किस पार्टी की चिंताएं बढ़ी?
Lok Sabha Election: अलवर लोकसभा क्षेत्र के सांसद का ताज किसके सिर सजेगा, इसका फैसला शुक्रवार को मतदाताओं ने वोट डालकर ईवीएम में बंद कर दिया, लेकिन इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में सात प्रतिशत से ज्यादा गिरे मतदान प्रतिशत ने राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ही नहीं रणनीतिकारों की चिंता भी बढ़ा दी है.
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Lok Sabha Election: अलवर लोकसभा क्षेत्र के सांसद का ताज किसके सिर सजेगा, इसका फैसला शुक्रवार को मतदाताओं ने वोट डालकर ईवीएम में बंद कर दिया, लेकिन इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में सात प्रतिशत से ज्यादा गिरे मतदान प्रतिशत ने राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ही नहीं रणनीतिकारों की चिंता भी बढ़ा दी है. हालांकि जिले भर में मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ, मतदान सुबह 7 से शाम 6 बजे तक चला, सुबह के चार घंटे मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं में सांसद चुनने के लिए उत्साह दिखाई दिया, लेकिन दोपहर में मतदान की गति कुछ थमी सी नजर आई. अलवर में 2019 की तुलना में 7.05% कम वोटिंग हुई है, यहां भाजपा पिछली बार 3 लाख 29 हजार 971 वोटों से जीत दर्ज की थी.
अलवर लोकसभा क्षेत्र में सुबह 9 बजे तक 12.03 प्रतिशत, 11 बजे तक 24.57 प्रतिशत, दोपहर 1 बजे तक 36.08 प्रतिशत, तीन बजे तक 43.39 प्रतिशत, शाम 5 बजे तक 53.31 प्रतिशत तथा शाम 6 बजे तक 59.60 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. हालांकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत 67.17 की तुलना में इस बार 7.57 प्रतिशत कम रहा. शाम 6 बजे मतदान पूर्ण होने के बाद अलवर लोकसभा क्षेत्र से भाग्य आजमा रहे 9 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया. मतदान पूर्ण होने के बाद मतदान ईवीएम व अन्य मतदान सामग्री के साथ वाहनों से रवाना हुए और रात को अलवर के राजकीय कला कॉलेज पहुंच मतदान सामग्री जमा कराई, बाद में मतदान सामग्री को कला कॉलेज में बने स्टांग रूम में जमा कराई.
फजल पर भी टिकी निगाहें
अलवर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी भूपेन्द्र यादव व कांग्रेस उम्मीदवार ललित यादव के बीच मुख्य मुकाबला है, हालांकि बसपा प्रत्याशी फजल हुसैन कितने वोट ले पाएंगे, इस पर सबकी निगाह टिकी है, इसका कारण है कि बसपा प्रत्याशी की ओर से लिए गए वोट का असर अलवर लोकसभा क्षेत्र के परिणाम पर पड़ना तय है.
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वोटिंग में कौन अव्वल, कौन पिछड़ा
लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को जिले भर के 2736 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले गए, इसमें अलवर लोकसभा क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले गए, इनमें सबसे ज्यादा वोट विधानसभा क्षेत्र किशनगढ़बास में 64.85 प्रतिशत डाले गए. वहीं सबसे कम वोट विधानसभा क्षेत्र राजगढ़- लक्ष्मणगढ़ में 55.07 प्रतिशत डाले गए.
अलवर लोकसभा क्षेत्र में 20.59 लाख वोटर
अलवर लोकसभा क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्र में 20.59 लाख वोटर हैं. अलवर लोकसभा क्षेत्र में 18 से 39 वर्ष के युवा वोटर की संख्या 10.32 लाख है, सबसे ज्यादा मतदाता रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 2.73 लाख हैं, वहीं सबसे कम मतदाता बहरोड़ में 2.32 लाख हैं.
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घटा मत प्रतिशत क्या गुल खिलाएगा
इस बार लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित रूप से मतदान में 7 प्रतिशत से ज्यादा कमी ने राजनीतिक दलों की चिंता बढा दी है. मतदान प्रतिशत बढने के बजाय कम होने से राजनीतिक पंडितों के समीकरण भी गड़बड़ा गए हैं. हालांकि घटे मत प्रतिशत को दोनों ही दल के नेता विरोधियों के लिए नुकसानदेह बता स्वयं की जीत का दावा कर रहे हैं. लेकिन लोगों का मानना है कि इस मतदान प्रतिशत में कमी चैंकाने वाले परिणाम दे सकते हैं.
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