टिकट के लिए महेश जोशी दंडवत! बेटे पर गंभीर आरोप, खुद भी 25 सितंबर की घटना के सूत्रधार

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टिकट के लिए महेश जोशी दंडवत! बेटे पर गंभीर आरोप, खुद भी 25 सितंबर की घटना के सूत्रधार
टिकट के लिए महेश जोशी दंडवत! बेटे पर गंभीर आरोप, खुद भी 25 सितंबर की घटना के सूत्रधार
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Congress Leader Mahesh Joshi: कांग्रेस पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव (rajasthan assembly election) के लिए अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है. लेकिन अभी तक जयपुर की हवामहल सीट से टिकट घोषित नहीं हुआ है. प्रदेश सरकार में मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता महेश जोशी यहां से विधायक हैं और एक बार फिर इस सीट से प्रबल दावेदार हैं. लेकिन चर्चाएं हैं कि पार्टी आलाकमान ने महेश जोशी का टिकट रोक रखा है इसलिए अभी तक दो लिस्ट में उनका नाम नहीं आया है. टिकट मिलने को लेकर अनिश्चितता के बीच मंगलवार को महेश जोशी दंडवत प्रणाम करते हुए गोवर्धन गिरिराजजी की शरण में पहुंचे. यहां उन्होंने पैदल परिक्रमा भी की.

हालांकि टिकट नहीं मिलने की अटकलों के बीच महेश जोशी को उम्मीद है कि अगली सूची में उनका नाम जरूर आएगा. टिकट कटने की चर्चाएं इसलिए जोर पकड़ रही हैं क्योंकि शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ ने पार्टी आलाकमान को 25 सिंतबर 2022 को आंख दिखाई और कांग्रेस विधायकों की बगावत का नेतृत्व किया था. बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद इन तीनों नेताओं से पार्टी आलाकमान नाराज है. 

बेटे पर भी लगे गंभीर आरोप

मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी पर भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं. 23 साल की पीड़िता ने आरोप लगाया था कि मंत्री के बेटे ने नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ कई बार रेप किया था. इस मामले में राहित जोशी पर रेप समेत कई गंभीर धाराओं में दिल्ली में केस भी दर्ज हुआ था. यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट भी नोटिस जारी कर रोहित जोशी से जवाब तलब कर चुका है. केस दर्ज कराए जाने के बाद पीड़िता ने यह भी कहा था कि उसके परिवार और उसकी जान को खतरा है.

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गहलोत गुट ने आलाकमान के सामने रखी थी ये मांग

बता दें कि जयपुर में 25 सितंबर 2022 को पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. बैठक के लिए पार्टी ने राजस्थान प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा था तो महेश जोशी समेत गहलोत समर्थक विधायकों ने बगावत बुलंद कर दी और बैठक से पहले अपनी अलग मीटिंग की. मंत्री शांति धारीवाल के घर पर विधायक जुटे. इस बैठक के बाद गहलोत खेमे के विधायक विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंचे और करीब 80 से ज्यादा विधायकों ने पायलट के सीएम बनाए जाने के विरोध में अपना इस्तीफा सौंप दिया था.

गहलोत कुगट की मांग थी कि कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने तक यानी 19 अक्टूबर तक ये गुट किसी भी मीटिंग में शामिल नहीं होगा. इसके साथ शर्तें भी रख दी कि सरकार बचाने वाले 102 विधायकों यानी गहलोत गुट से ही सीएम बने. दूसरी शर्त ये थी कि सीएम तब घोषित हो, जब अध्यक्ष का चुनाव हो जाए. तीसरी शर्त भी रखी कि जो भी नया मुख्यमंत्री हो, वो गहलोत की पसंद का ही होना चाहिए.

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