गहलोत सरकार के ‘न्यूनतम आय गारंटी’ पर मायावती का हमला, बोलीं- ये जनहित नहीं

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धौलपुर पहुंचकर कांग्रेस पर बरसीं मायावती, जातिगत जनगणना को लेकर कह डाली ये बड़ी बात
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Rajasthan Assembly election 2023: राजस्थान विधानसभा (rajasthan news) में गहलोत सरकार (ashok gehlot) का ‘न्यूनतम आय गरंटी’ (minimum guaranteed income bill) विधेयक पास होने के बाद बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने हमला बोला है. मायावती ने ट्वीट कर इसे जनहित नहीं बल्कि राजनीतिक स्वार्थ का फैसला करार दिया है.

मायावती ने इसे लेकर दो ट्वीट किया है. पहले ट्वीट में उन्होंने कहा- ‘राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा आमचुनाव से ठीक पहले न्यूनतम आय गारण्टी योजना आदि की घोषणा करना यह जनहित का कम तथा इनके राजनीतिक स्वार्थ का फैसला ज्यादा। इससे गरीब जनता को तुरन्त राहत मिलना मुश्किल, फिर भी केवल प्रचार पर सरकारी धन का भारी खर्च करना क्या उचित?’

इसे काफी पहले शुरू करना था- मायावती
मायावती ने दूसरे ट्वीट में कहा- ‘वैसे तो गहलोत सरकार अपने पूरे कार्यकाल कुंभकर्ण की नींद सोती रही और आपसी राजनीतिक उठापटक में ही उलझी रही, वरना जनहित व जनकल्याण से जुड़े अनेकों कार्य प्रदेश की जनता की गरीबी, बेरोजगारी, उनके पिछड़ेपन व तंगी के हालात के कारण सरकार द्वारा काफी पहले ही शुरू कर देना जरूरी था।’

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गौरतलब है कि पिछले दिनों बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान समेत कई राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बड़ा ऐलान किया था. मायावती ने इन चुनावों में अकेले ही मैदान में उतरने का की घोषणा की थी. हालांकि बसपा ने ये भी स्पष्ट किया था कि वह हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ चुनाव लड़ सकती है. ध्यान देने वाली बात है कि चुनावी माहौल में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर का भी ध्यान राजस्थान चुनाव की तरफ है.

वर्ष 2018 में 6 सीटें जीती थी बसपा
साल 2018 में बसपा ने सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था. इसमें से इन्हें महज 6 सीटें ही मिली थीं. इन सभी 6 विधायकों ने 2018 में चुनाव जीतने के बाद बसपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था. इन विधायकों में राजेन्द्र गुढ़ा (उदयपुरवाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई), वाजिब अली (नगर), लाखन सिंह मीणा (करौली), संदीप यादव (तिजारा) और दीपचंद खेरिया ने शामिल हैं.

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