BJP से बर्खास्त विधायक शोभारानी कुशवाहा ने थामा कांग्रेस का हाथ, जानें इनके बारे में
MLA expelled from BJP Shobharani joins Congress: राजनीति में कब दोस्त दुश्मन बन जाएं और कब दुश्मन दोस्त बन जाए,यह सियासत की पुरानी कहावत है. विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान की सियासत में ऐसे ही हालात देखे जा रहे है. धौलपुर विधानसभा क्षेत्र की बीजेपी से बर्खास्त विधायक शोभारानी कुशवाहा ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण […]
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MLA expelled from BJP Shobharani joins Congress: राजनीति में कब दोस्त दुश्मन बन जाएं और कब दुश्मन दोस्त बन जाए,यह सियासत की पुरानी कहावत है. विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान की सियासत में ऐसे ही हालात देखे जा रहे है. धौलपुर विधानसभा क्षेत्र की बीजेपी से बर्खास्त विधायक शोभारानी कुशवाहा ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली हैं.
विधायक शोभारानी ने कांग्रेस की सदस्यता जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष साकेत बिहारी शर्मा के सामने ग्रहण की है. विधायक शोभारानी 25 अक्टूबर को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और सीएम अशोक गहलोत के प्रस्तावित दौरे के दौरान आमजन के बीच कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करना चाहती थीं.
प्रियंका के सामने कांग्रेस में आना चाहती थीं MLA
प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत का 25 अक्टूबर को धौलपुर में दौरा था. दौरे के दौरान एक विशाल जनसभा सदर पुलिस थाना के पास आयोजित की गई थी. जिसको लेकर विधायक शोभारानी ने युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी थी. विधायक ने पैम्पलेट,पोस्टर और बैनर भी छपवा लिए और जनसभा के लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई थी. प्रियंका गांधी और सीएम गहलोत के दौरे को लेकर शुक्रवार को जिला कांग्रेस ने बैठक भी बुलाई गई, लेकिन बैठक के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष साकेत बिहारी शर्मा ने प्रियंका गांधी और सीएम गहलोत के दौरे को रद्द हो जाने की जानकारी दी. कार्यक्रम निरस्त हो जाने के बाद विधायक शोभारानी कुशवाह की सभी तैयारियों पर पानी फिर गया.
भाजपा से इसलिए हुई थीं बर्खास्त
धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की बर्खास्त विधायक शोभारानी कुशवाहा जून 2022 में हुए राज्य सभा के चुनाव में भाजपा को क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को राज्यसभा चुनाव में अपना मत दिया था. भाजपा ने विधायक शोभारानी कुशवाह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया था. भाजपा से बर्खास्त होने के बाद विधायक शोभारानी कुशवाह खुलकर सीएम अशोक गहलोत के साथ आ गई थीं. साथ ही धौलपुर जिला प्रशासन में भी उनका जोरदार दबदबा बन गया था.
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गहलोत की करती थीं तारीफ
सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के कार्यक्रमो में हिस्सा लेकर सीएम गहलोत की जम कर तारीफ करती रहती थीं. सीएम गहलोत ने भी जिले के बड़े अधिकारियों को विधायक शोभारानी कुशवाह को वरीयता देने तक की कह डाला था. धौलपुर में हुई सीएम अशोक गहलोत की दो सभाओ में विधायक कुशवाह शामिल हुई थीं और गहलोत ने विधायक शोभारानी कुशवाह को बोल्ड लेडी तक कहा था. राज्य सभा चुनाव में भाजपा आलाकमान की रणनीति को गच्चा देकर धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में वोट देकर ना केवल भाजपा आलाकमान को चौंकाया बल्कि धौलपुर जिले की राजनीति में उस समय भूचाल ला दिया था. कयास भी लगाए जा रहे थे विधानसभा चुनाव में शोभारानी कुशवाह कमल की बजाय हाथ के पंजे पर चुनाव लड़ेंगी.
कौन हैं विधायक शोभारानी
विधायक शोभारानी कुशवाह पोस्ट ग्रेजुएट हैं और उद्योगपति हैं. इनका पीहर उत्तर प्रदेश के झांसी में हैं और ससुराल धौलपुर जिले के जमालपुर गांव में हैं. बीजेपी से बर्खास्त विधायक शोभारानी के पति बनवारी लाल कुशवाह ने 2013 में बीएसपी की टिकट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के दिग्गज नेता बनवारी लाल शर्मा को चुनाव हरा कर विधायक बने. बीजेपी को बनवारी लाल कुशवाह की जीत बर्दाश्त नहीं हुई.
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पति के खिलाफ पार्टी ने खोला मोर्चा
तब वसुंधरा राजे की सरकार थी. बीजेपी के पदाधिकारियों ने बनवारी लाल कुशवाह के खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में ज्ञापन देकर उच्च स्तरीय जांच कराई. 14 अक्टूबर 2014 को सीआईडी सीबी ने जयपुर में बनवारी लाल कुशवाह को गिरफ्तार किया था. आठ दिसंबर,2016 को जिला एवं सत्र अदालत ने धौलपुर के चर्चित नरेश कुशवाह हत्याकांड में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी.
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राजे ने शोभारानी को पार्टी में किया शामिल
इधर अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद में 13 दिसंबर 2016 को राजस्थान विधान सभा सचिवालय द्वारा बनवारी लाल कुशवाह की सदस्यता समाप्त कर दी थी. वसुंधरा सरकार में ही बनवारी लाल कुशवाह जेल चले गए. उसके बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने बनवारी लाल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह को बीजेपी में शामिल कर 9 अप्रैल 2017 में हुए उप चुनाव में विधायक बनाया.
उपचुनाव शोभारानी ने नहीं बल्कि राजे ने लड़ा
उपचुनाव शोभारानी ने नहीं लड़ था, बल्कि पूर्व सीएम राजे ने चुनाव लड़ा था. शोभारानी को जिताने के लिए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समेत दर्जनों मंत्रियों ने धौलपुर में डेरा डाल दिया था. कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा के चुनाव की कमान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने संभाल रखी थी. सचिन पायलट ने इस चुनाव में काफी मेहनत की, लेकिन सरकारी मशीनरी के आगे बनवारी लाल शर्मा चुनाव नहीं जीत सके. इसके बाद साल 2018 में हुए चुनाव में पूर्व सीएम राजे ने शोभारानी को बीजेपी से दोबारा टिकट देकर विधायक बनाया.
पति को जेल से निकालने के लिए गहलोत के पास गईं?
सियासी गलियारों में यह चर्चा रही थी कि पहली वार जब शोभारानी विधायक बनीं तो उन्होंने अपने पति को जेल से बाहर निकालने के लिए कई वार पूर्व सीएम राजे से मुलाक़ात भी की थी, लेकिन उनको दिए गए आश्वासन पूरे नहीं हुए तो उन्होंने बीजेपी से अंदरूनी बगावती दिखाने शुरू कर दिए थे. शोभारानी बीजेपी की टिकट पर दूसरी बार विधायक तो बन गईं, लेकिन सरकार कांग्रेस की बन गई. इस दौरान सियासी गलियारों में खूब चर्चा रही थी कि विधायक शोभारानी ने सीएम गहलोत से कई बार मुलाक़ात कर नजदीकियां बढ़ाई थी. नजदीकियां राज्यसभा में चुनाव में देखने को मिली थी. बीजेपी से बर्खास्त होने के बाद विधायक शोभारानी ने बीजेपी के बड़े नेताओं पर आरोप भी लगाए थे. साल 2018 में हुए चुनाव में शोभारानी कुशवाह ने अपने ख़ास जीजा कांग्रेस प्रत्याशी डॉ.शिवचरण कुशवाह को हराया था.
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