Rajasthan exit poll 2023: एग्जिट पोल क्या है और कितने सटीक होते हैं, यहां जानें सब कुछ

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Rajasthan exit poll 2023: एग्जिट पोल क्या है और कितने सटीक होते हैं, यहां जानें सब कुछ
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rajasthan Assembly Election Exit Poll Result: राजस्थान (rajasthan election 2023) समेत 5 राज्यों में मतदान का आज आखिरी दिन है. आज तेलंगाना में शाम 6 बजे तक मतदान (voting in rajasthan) होगा. चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक शाम 7 बजे से एग्जिट पोल जारी हो सकते हैं. 3 दिसंबर को पांचों राज्यों का चुनाव परिणाम आने से पहले एग्जिट पोल लोगों को बहुत हद तक आने वाले नतीजों की जानकारी दें सकते हैं. हालांकि ये दावा नहीं किया जा सकता कि एग्जिट पोल बिल्कुल सटीक होंगे. कई बार सटीक तो कई बार नतीजों के काफी करीब होते हैं.

राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होने के बाद सबकी जुबान पर बस एक ही सवाल है…अब किसकी सरकार? किसके दावे फेल, किसके पास? किसके सिर होगा जीत का ताज? कौन बनेगा राजस्थान का CM?

यहां क्लिक करके पढ़ें आज आने वाले एग्जिट पोल के नतीजे

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इन सवालों का बेशब्री से जवाब खोज रहे लोग चौक-चौराहो, गली मोहल्लों के अलावा कई राजनैतिक विश्लेषणों, स्थानीय इनपुट से कयास लगाने की कोशिश कर रहे हैं. कुल मिलाकर कयासों का बाजार गर्म है. इसी बीच Rajasthan Tak पाठकों के लिए आज यानी 30 नवंबर शाम 6 बजे से सभी एग्जिट पोल के नतीजे दिखाएगा. एग्जिट पोल के नतीजों का पल-पल अपडेट पाठक यहां (Rajasthan Election Exit Poll Results 2023 Live) क्लिक करके जान सकते हैं.

एग्जिट पोल क्या होता है?

एग्जिट पोल मतदान के बाद जारी होते हैं. यदि किसी राज्य में मतदान हो चुका है और दूसरे राज्य में होना है तो वहां का एग्जिट पोल तब तक जारी नहीं होगा जब तक सभी राज्यों में मतदान न हो जाएं. चूंकि जीत-हार की गणित सामने आने पर दूसरे राज्यों की पोलिंग पर इसका असर पड़ने की संभावना होती है. इसलिए 25 नवंबर को राजस्थान में मतदान होने के बावजूद 30 नवंबर को एग्जिट पोल के रिजल्ट जारी किए जा रहे हैं क्योंकि तेलंगाना में मतदान 30 को ही है ओर वो शाम 6 बजे तक चलेगा.

एग्जिट पोल के नतीजे ऐसे आते हैं

एग्जिट पोल मतदान के दौरान मतदाओं के बीच किया गया एक सर्वे होता है जिसमें उने जानने की कोशिश की जाती है कि किसके पक्ष में वोट पड़ रहा है. किसका पलड़ा भारी है? मीडिया संस्थान या एग्जिट और ओपिनियन पोल जारी करने वाली एजेंसियों के लोग पोलिंग बूथों पर लोगों से ये सवाल कर एक डेटा इकट्‌ठा करते हैं. इसके आधार पर ही एग्जिट पोल के नतीजे दिखाए जाते हैं.

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ओपिनियन पोल से कैसे है ये अलग

ओपिनियन पोल चुनाव से पहले किए जाते हैं. इसमें मतदाता और गैरमतदाता सभी को शामिल किया जाता है. इसमें चुनावी मुद्दों पर लोगों की राय जानकर सर्वे के आधार पर डेटा तैयार किया जाता है. कहते हैं जैसे-जेसे वोटिंग की तारीख करीब आती है मतदाताओं का मन बदलता रहता है. यानी वोटिंग तक वे मतदाता भी अपना मन बदल सकते हैं जिन्होंने सर्वे में किसी उम्मीदवार के बारे में नाराजगी जताई थी. ऐसे में एग्जिट पोल नतीजों के काफी करीब माने जाते हैं.

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कब और कहां शुरू हुआ एग्जिट पोल-ओपिनियन पोल

चुनाव के दौरान ऐसे सर्वे की शुरूआत सबसे पहले अमेरिका में हुई थी. जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने सरकार के काम का फीडबैक लेने के लिए सर्वे कराया था. बाद में ब्रिटेन और फ्रांस में भी पोल सर्वे हुए. फिर जर्मनी और आयरलैंड समेत कई देशों में ऐसे पाल सर्वे शुरू हो गए. भारत में पहली बार पोल सर्वे इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने की थी. 1980 के दशक में पत्रकार प्रणव रॉय ने इलेक्‍शन एक्‍सपर्ट डेविड बटलर के साथ मिलकर एक सर्वे कराया था. वर्ष 1996 में सीएसडीएस (सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज) के पोल सर्वे काफी चर्चा में आए थे. ये दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ था. वर्ष 1998 से एग्जिट पोल निजी टीवी चैनलों पर भी दिखाए जाने लगे थे.

इन टीवी चैनल्स और एजेंसीज के सर्वे चर्चा में

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