लाल डायरी लहराने लगे गुढ़ा तो सदन से निकाला बाहर, पूर्व मंत्री का आरोप- कांग्रेस के मंत्रियों ने मारे लात-घूंसे

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मंत्री पद से हटने के बाद बोले राजेंद्र गुढ़ा, कहा- लाल डायरी नहीं निकालता तो गहलोत साहब की छुट्टी हो जाती
मंत्री पद से हटने के बाद बोले राजेंद्र गुढ़ा, कहा- लाल डायरी नहीं निकालता तो गहलोत साहब की छुट्टी हो जाती
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Rajendra Gudha vs Congress: विधानसभा का सत्र 24 जुलाई को काफी हंगामेदार रहा. लाल डायरी लेकर विधानसभा पहुंचे पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया. जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस के मंत्रियों पर मारपीट का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि रफीक खान और महेश जोशी समेत कई मंत्रियों ने मुझे लात-घूंसो से मारा. विधानसभा में मार्शल नहीं आए थे, मुझे कांग्रेस के मंत्रियों ने घसीटकर निकाला.

जब विधानसभा में बर्खास्त मंत्री गुढ़ा लाल डायरी लेकर स्पीकर के सामने लहराने लगे तो जमकर हंगामा हुआ. धक्का मुक्की के हालात बनते देख स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी. इसके बाद स्पीकर ने गुढ़ा को सदन से बाहर निकालने को कहा. मार्शल बुलाकर सदन से निकलवा दिया. इसी दौरान धारीवाल गुढ़ा को सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव रख रहे थे. तभी गुढ़ा ने धारीवाल का माइक नीचे कर दिया.

सदन से बाहर आने के बाद गुढ़ा ने कांग्रेस पर जमकर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि मेरे साथ मारपीट की गई और मेरे से डायरी ले ली गई. उस डायरी में धर्मेंद्र राठौड़ की ओर से किया गया आर्थिक लेनदेन था. जिसमें अशोक गहलोत और वैभव गहलोत का नाम लिखा है. उन्होंने आरोप लगाया कि डायरी में 2-5 करोड़ का लेनदेन नहीं है, बल्कि 200-500 करोड़ रुपए का लेनदेन है.

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पूरा वाकया बताते हुए गढ़ा ने कहा कि सिविल लाइंस में धर्मेंद्र राठौड़ के घर रेड हो रही थी. इसी बीच इनकम टैक्स और ईडी ने फ्लैट को सीज कर लिया था. तब मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आप वो डायरी लेकर आओ तो मैं सीआरपीएफ के जवानों के बीच जाकर उस डायरी को निकाल लाया. जब गुढ़ा से सवाल किया गया कि आखिर उस लाल डायरी में क्या है तो उन्होंने कहा कि राज्यसभा में विधायकों का लेनदेन हुआ.

‘हर अपराधी की ख्वाहिश अगले जन्म में महेश जोशी बनूं’
कांग्रेस पर भड़कते हुए उन्होंने कहा कि मैं राव शेखा का वंशज हूं. उनकी 3 पीढ़ियां महिला के लिए शहीद हो गई थी. मैं भी पीछे नहीं हटूंगा, जब तक जान है आवाज उठाते रहूंगा. गुढ़ा ने कांग्रेसियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि महेश जोशी के काले कारनामों को हर बार बचाया गया. गहलोत ने उन्हें संरक्षण दिया. हर अपराधी की ख्वाहिश है कि मैं अगले जन्म में महेश जोशी बनूं. वहीं, हर एग्जाम देने वाले अभ्यर्थी की ख्वाहिश होती है कि मुझे अगले जन्म में गोविंद सिंह डोटासरा बनूं.

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