राइट टू हेल्थ पर टकराव को लेकर सचिन पायलट ने कहा- बीच का रास्ता निकाले सरकार
Rajasthan’s Right to Health Bill 2022: राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्रदेश के निजी और सरकारी डॉक्टर विरोध कर रहे हैं और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ठप हैं. प्रदेश सरकार और डॉक्टरों के बीच टकराव के चलते मरीजों की जानें जा रही है. मरीजों के परिजन उन्हें लेकर दर-दर भटक रहें हैं. इसी बीच पूर्व […]
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Rajasthan’s Right to Health Bill 2022: राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्रदेश के निजी और सरकारी डॉक्टर विरोध कर रहे हैं और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ठप हैं. प्रदेश सरकार और डॉक्टरों के बीच टकराव के चलते मरीजों की जानें जा रही है. मरीजों के परिजन उन्हें लेकर दर-दर भटक रहें हैं. इसी बीच पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के आवास पर बिल का विरोध कर रहे डॉक्टरों के एक धड़े ने वार्ता की है. इस दौरान सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को इस मामले पर अड़ियल रुख छोड़कर बीच का रास्ता निकालने की सुझाव दिया है.
पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हड़ताल से मरीज परेशान हो रहें हैं. सरकार को हॉस्पिटल और डॉक्टर की बात सुननी चाहिए. वहीं स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सरकार का भी रुख अड़ियल नहीं होना चाहिए. ये मार्मिक मामला है. ये विषय करोड़ों लोगों को प्रभावित करता है. हमने यूनिवर्सिल कानून पहले भी बनाए हैं. ऐसे में जब हजारों लोगों को इलाज की जरूरत होती है, लेकिन इलाज नहीं मिल पा रहा हैं तो पीड़ा होती है.
सचिन पायलट ने आगे कहा कि सरकार की मंशा सही हो सकती है, लेकिन आज जो प्रदेश में हालात बने हैं उससे लगता है कि जो डॉक्टर, नर्सेज, टेक्निकल कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं उनकी बात को सुनकर सरकार को भी ऐसा रास्ता निकालना चाहिए ताकि आम जनता को दिक्कत ना हो.
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प्रदेश में कई जगह हड़ताल की वजह से मरीज परेशान हो रहे हैं. ऐसे में हम सबकी यह जिम्मेदारी बनती है. वार्ता से सब कुछ संभव है और यदि चर्चा होगी तो सार्थक निर्णय निकल सकता है, क्योंकि डॉक्टर भी यह नहीं चाहता की लोगों की मदद ना हो और हड़ताल जारी रखें. ऐसा तो है नहीं कि इससे पहले कोई हड़चन नहीं आई हो या फिर टकराव नहीं हुआ हो. लेकिन यह मामला बहुत मार्मिक है और करोड़ों लोगों को प्रभावित करता है. इसलिए इसका भी रास्ता निकलना चाहिए.
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