"पटरियां सड़क पर लाने पर मजबूर ना करें सरकार", गुर्जर समाज की भजनलाल सरकार को बड़ी चेतावनी!
गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों ने एमबीसी आंदोलन पर तलवार लटकने की आशंका जाहिर की है. साथ ही गुर्जर समाज ने भजनलाल सरकार पर आरोप लगाते हुए पटरी पर उतरने की चेतावनी दे दी है.
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गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों ने एमबीसी आंदोलन पर तलवार लटकने की आशंका जाहिर की है. साथ ही गुर्जर समाज ने भजनलाल सरकार पर आरोप लगाते हुए पटरी पर उतरने की चेतावनी दे दी है.
भरतपुर-धौलपुर में जाट आरक्षण आंदोलन के बाद जाट समाज ने बीजेपी (BJP) को हराने के लिए रणनीति बना दी है. अब गुर्जर समाज ने भी पटरी पर उतरने की चेतावनी दे दी है. गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों ने एमबीसी आंदोलन पर तलवार लटकने की आशंका जाहिर की है. दरअसल, यह मामला सुप्रीम कोर्ट (SC) के एक नोटिस से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से गुर्जर नेता हिम्मत सिंह और दिवंगत कर्नल किरोड़ी सिंह फैसला को नोटिस दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के इस नोटिस के बाद हिम्मत सिंह ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है.
राजस्थान तक से खास बातचीत में गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने खुद इसकी जानकारी देते हुए बताया "6 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने मुझे और स्वर्गीय किरोड़ी सिंह बैंसला को नोटिस दिया है. 22 मार्च मार्च 2024 तक जवाब मांगा गया है." उन्होंने भजनलाल सरकार पर आरोप लगाए हैं कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखे गए पत्र में हिम्मत सिंह गुर्जर ने अनुरोध किया है कि कैप्टन गुरविंदर सिंह याचिका की सरकार प्रभावी पैरवी करें. ताकि गुर्जर सहित पांच जातियों को 5% आरक्षण मिल सके. नोटिस मिलने के बाद हिम्मत सिंह गुर्जर ने यहां तक कह दिया कि हम सुप्रीम कोर्ट में हमारा एडवोकेट खड़ा नहीं करेंगे. क्योंकि एमबीसी आयतन अधिनियम-2019 विधानसभा से पारित होकर कानून बना है.
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