सरदारशहर उपचुनाव: अब कौन संभालेगा पंडित भंवरलाल शर्मा की गद्दी?
Sardarshahar by-election: सरदारशहर का सरदार कौन होगा? इस चुनावी महासंग्राम में अब कांग्रेस के अनिल शर्मा और बीजेपी के अशोक कुमार पिंचा के बीच महामुकाबला देखने को मिलेगा. कांग्रेस पार्टी ने सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव के लिए सहानुभूति लहर पर सवार होकर स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को टिकट दिया है. अब कांग्रेस के […]

Sardarshahar by-election: सरदारशहर का सरदार कौन होगा? इस चुनावी महासंग्राम में अब कांग्रेस के अनिल शर्मा और बीजेपी के अशोक कुमार पिंचा के बीच महामुकाबला देखने को मिलेगा. कांग्रेस पार्टी ने सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव के लिए सहानुभूति लहर पर सवार होकर स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को टिकट दिया है. अब कांग्रेस के अनिल शर्मा का मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार अशोक कुमार पिंचा से होगा.
कौन है कांग्रेस के प्रत्याशी अनिल शर्मा
दरअसल 9 अक्टूबर को कांग्रेस के कद्दावर नेता भंवरलाल शर्मा के निधन होने से ये सीट खाली हुई थी. भंवर लाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा ‘राजस्थान आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग’ के चेयरमैन हैं. साथ ही उन्हें गहलोत सरकार में ‘राज्य मंत्री’ का दर्जा भी प्राप्त हैं. तो वहीं अनिल कुमार शर्मा के चाचा श्याम लाल शर्मा ने बीजेपी से टिकट मांगा लेकिन बीजेपी ने उन पर भरोसा नहीं जताया.
कौन है बीजेपी प्रत्याशी अशोक कुमार पिंचा
अशोक कुमार पिंचा जैन समाज से आते हैं. पिंचा बीजेपी के पुराने नेता हैं और 2008 से 2013 तक सरदारशहर से विधायक भी रह चुके हैं. पिछली बार भी उन्होंने इस सीट पर भंवरलाल शर्मा को चुनौती दी थी लेकिन जीत नहीं हांसिल हुई. अब एक बार फिर वो सरदारशहर में बीजेपी की खोई हुई साख लौटाने मैदान में उतर चुके हैं. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के भंवरलाल शर्मा ने 16,816 वोटों से जीत हासिल की थी. भंवरलाल शर्मा को कुल 95,282 वोट मिले जबकि बीजेपी प्रत्याशी अशोक पिंचा को 78,466 वोट प्राप्त हुए थे.
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कौन है आरएलपी के प्रत्याशी लालचंद मूंड
वहीं आरएलपी ने लालचंद मूंड को उम्मीदवार बनाया है. लालचंद ‘दूध उत्पादक संघ’ के अध्यक्ष है. माना जा रहा है इनकी ग्रामीण क्षेत्रों नें मजबूत पकड़ हैं, इसलिए इन्हें कांग्रेस-बीजेपी के वोट काटने वाले नेता के तौर पर देखा जा रहा है. मूंड जाट समुदाय से आते हैं और सरदारशहर जाट बाहुल क्षेत्र है. वहीं बीजेपी और आरएलपी का गठबंधन टूट चुका है. ऐसे में बीजेपी-कांग्रेस को टक्कर देने के लिए आरएलपी ने जाट नेता को टिकट दिया है.
अब तक सरदारशहर सीट पर हुए 15 चुनावों के नतीजें देखें तो कांग्रेस पार्टी 9 बार जीतने में कामयाब हुई है. वहीं बीजेपी सिर्फ दो ही बार ही सरदारशहर सीट पर चुनाव जीत पाई है. 2014 में मोदी लहर के दौरान भी बीजेपी यह सीट नहीं जीत पाई थी. ऐसे में माना जा रहा है बीजेपी के लिए यह उपचुनाव जितना किसी किले को भेदने जैसा होगा.