बच्ची को मंच पर बुलाकर गहलोत ने पूछा ये सवाल, फिर कही ऐसी बात कि हंसने लगे लोग
Rajasthan CM Ashok Gehlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सोमवार को पालनहार लाभार्थियों के बीच पहुंचकर उनके खातों में 88 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. इस दौरान सीएम ने पालनहार योजना की लाभार्थी हर्षिता को अपने बगल में कुर्सी पर बैठाकर बातचीत की जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. उनकी इस रोचक बातचीत […]
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Rajasthan CM Ashok Gehlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सोमवार को पालनहार लाभार्थियों के बीच पहुंचकर उनके खातों में 88 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. इस दौरान सीएम ने पालनहार योजना की लाभार्थी हर्षिता को अपने बगल में कुर्सी पर बैठाकर बातचीत की जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. उनकी इस रोचक बातचीत को सुनकर वहां मौजूद लोग भी खिलखिलाकर हंस पड़े.
दरअसल, पालनहार योजना के लाभार्थियों से बातचीत के दौरान पांचवीं क्लास में पढ़ने वाली हर्षिता को सीएम ने बगल में कुर्सी पर बैठाया. इसके बाद पूछा कि तुम भविष्य में क्या बनना चाहती हो. बच्ची ने कहा- आईपीएस अफसर. सीएम ने जवाब में कहा- मेहनत से पढ़ाई करोगी तो जरूर आईपीएस अफसर बनोगी. इस पर बच्ची की मां ने कहा कि यह टेंशन में रहती है.
टेंशन हो तो मुझे फोन कर लेना: गहलोत
सीएम गहलोत ने बच्ची की मां से कहा कि आज के बाद यह टेंशन नहीं करेगी. फिर उन्होंने आईपीएस बनने की इच्छा रखने वाली हर्षिता से कहा- टेंशन हो तो मुझे फाेन करना. मैं खुद तुमसे बात कर लूंगा. एसपी तो दूसरों को टेंशन देता है, खुद टेंशन में थोड़े ही रहता है.
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दोनों पैरों में फ्रैक्चर के बावजूद लाभार्थियों के बीच पहुंचे थे सीएम
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों पैरों में फ्रैक्चर होने के बावजूद सोमवार को पालनहार लाभार्थियों के बीच में पहुंच गए. सीएम ने लाभार्थियों से बात करते हुए बताया- मेरे दोनों पैरों में एक साथ चोट लग गई. ऐसा कभी नहीं होता है. डॉक्टर कह रहे हैं कि हमने ऐसा पहला केस देखा है. ऐसा कभी नहीं होता है. कोई एक्सीडेंट हो जाए तो अलग बात है. पहले मैंने सोचा कि मैं घर से ही आप लोगों से जुडूंगा. फिर मेरे दोस्तों ने सलाह दी कि बच्चों का प्रोग्राम है आपको बाहर आना ही पड़ेगा. मुझे आप सबके बीच यहां आकर बहुत खुशी हुई.
सीएम गहलोत ने बताई अपनी भावना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक शेर सुनाते हुए कहा कि मेरी भावना अंतिम सांस तक प्रदेश वासियों की सेवा करने की है. चाहे किसी पद पर रहूं या न रहूं.
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न पूछो मेरी मंजिल कहां है?
अभी तो सफर का इरादा किया है
न हारूंगा हौसला उम्र भर,
ये मैंने किसी और से नहीं खुद से वादा किया है.
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