धौलपुरः कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, सामूहिक हत्याकांड के दोषी को 12 साल बाद सुनाई फांसी की सजा

Umesh Mishra

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Dholpur News: सामूहिक हत्याकांड के मामले में राजस्थान के धौलपुर जिले की एससी एसटी कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश नरेंद्र मीणा ने 4 लोगों की हत्याओं के मामले में एक दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. सजा के साथ 10 लाख रूपए के आर्थिक दंड से भी दंडित किया है. कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक माहिर हसन रिजवी ने बताया कि मामला 9 जुलाई 2008 का हैं.

जिले के बाड़ी उपखंड के धौंधे का पुरा गांव निवासी जयपाल पुत्र रतनलाल जाटव ने रिपोर्ट दर्ज कराई. परिवादी ने बताया कि उसके पिता रतनलाल, ताऊ नत्थीलाल, चाचा रामस्वरूप, भाई भंवर लाल और पप्पू काम पर गए थे. तभी सुबह 9ः30 बजे कीर्तिराम गुर्जर, सुरेश गुर्जर, विक्रम, चंद्रभान उर्फ अट्टा, पूरन, भगवान सिंह, राजू, गुड्डू, कल्ला, सुरेश ठाकुर और बच्चू सिंह सभी हथियारों से लैस होकर पहुंचे.

पीड़ितों से गाली गलौज करते हुए अवैध हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग में नत्थीलाल, रतनलाल, रामस्वरूप और रामवीर की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया और 11 दोषियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया. प्रकरण में बुधवार को विशिष्ट न्यायाधीश नरेंद्र मीणा ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद दोषी कीर्तिराम पुत्र जालिम गुर्जर निवासी धौंधे का पुरा को फांसी की सजा सुनाई. मामले में तीन आरोपी जेल में हैं और 7 जमानत के बाद से फरार चल रहे हैं.

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