जयपुरः पत्नी ने लगाया ये आरोप तो बोरी में सिक्के भरकर पति पहुंच गया कोर्ट, जानें पूरा मामला

विशाल शर्मा

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Jaipur Court: कोर्ट की सुनवाई में कई बार कुछ रोचक किस्से भी देखने को मिल जाते हैं. ऐसा ही कुछ देखने को मिला जयपुर के पारिवारिक न्यायालय की लिंक एडीजे कोर्ट में, जहां दहेज प्रताड़ना केस की सुनवाई के दौरान एक पति कोर्ट में 55 हजार रुपए के सिक्के लेकर पहुंच गया. जिसके बाद सिक्कों की गिनती करने का निर्देश देते हुए फैसले की तारीख मुकर्रर कर दी.

दहेज प्रताड़ना के मामले के दौरान पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. तब जज ने पति को जेल भेजने के साथ ही पत्नी के बकाया 55 हजार रूपए भरण पोषण की राशि जमा करवाने के आदेश दिए. कोर्ट के आदेश के बाद पति ने परिजनों ने राशि जमा भी करवा दी, लेकिन उन 55 हजार की धनराशि को देख हर कोई दांतो तले अंगुली दबाने लगा.

दरअसल, पति धनराशि देने के लिए 7 कट्टो में सिक्के भरकर ले गया. जिनका वजन करीब 280 किलो था. कट्टो से सिक्कों को देख हर कोई चौंक गया. इसके बाद कोर्ट ने सिक्कों को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए.

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मामला दशरथ कुमावत और सीमा कुमावत का है, जिनकी शादी 12 साल पहले से हुई थी. लेकिन पिछले पांच साल से दोनों के बीच विवाद चल रहा है. सीमा ने अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करा रखा है और इसका ट्रायल चल रहा है. साथ ही पति पर 2.25 लाख रुपए भरण-पोषण का भत्ता भी बकाया चल रहा है. ऐसे में बकाया राशि नहीं देने पर हरमाड़ा थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. जहां से कोर्ट ने बकाया राशि की पहली किस्त के भुगतान के साथ उसे जेल भेज दिया. दशरथ कुमावत के जेल में होने के कारण उसके परिजनों ने 55 हजार रुपए सिक्कों में जमा करवाए. हालांकि 55 हजार के आलावा अभी 1.70 लाख रूपए भत्ता और बाकी है.

पत्नी का वकील बोला- प्रताड़ित करने के लिए ऐसा किया
इधर, 55 हजार रूपए की राशि सिक्कों में देने पर पत्नी सीमा कुमावत के एडवोकेट रामप्रकाश कुमावत का कहना है कि ऐसा उन्हें प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है, जो मानवीयता नहीं है. वहीं, पति की ओर से अधिवक्ता रमन गुप्ता ने कहा कि यह वैध भारतीय मुद्रा बताते है, जिसे स्वीकार किया जाना चाहिए. इतने सिक्कों को देख कोर्ट ने भी कह दिया कि इस राशि को गिनने में तो 10 दिन लग जाएंगे. अब इतने सारे सिक्कों की गिनती कैसे और कब हो, इसके लिए कोर्ट ने पति को आदेश दिया. इन सभी सिक्कों को 1-1 हजार रुपए की थैलियां बनाकर कोर्ट में सिक्कों की गिनती करवाए. सिक्कों की बाकायदा गिनती के लिए 26 जून की तारीख भी मुकर्रर की गई है.

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