मां-बाप के साथ पशु चराने वाली लड़की ने पास की NEET-UG परीक्षा, हासिल की ऑल इंडिया 111वीं रैंक
NEET UG Success Story: कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई आपको अपनी मंजिल पाने से नहीं रोक सकता. यह कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है नागौर की बेटी निरमा पर. उसने NEET-UG परीक्षा में 661 अंकों के साथ ऑल इंडिया 111वीं रैंक हासिल कर इतिहास रचा है. खास बात ये है कि सुख […]
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NEET UG Success Story: कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई आपको अपनी मंजिल पाने से नहीं रोक सकता. यह कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है नागौर की बेटी निरमा पर. उसने NEET-UG परीक्षा में 661 अंकों के साथ ऑल इंडिया 111वीं रैंक हासिल कर इतिहास रचा है. खास बात ये है कि सुख सुविधाओं से वंचित एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद निरमा ने ये कारनामा करके दिखाया है.
‘राजस्थान तक’ से बातचीत में निरमा ने बताया कि मेरे परिवार के सपोर्ट और अच्छे शिक्षकों की बदौलत आज मुझे यह रैंक मिली है. उन्होंने बताया कि वह रोजाना 12 घंटे से अधिक पढ़ाई करती थी. बायोलॉजी सब्जेक्ट उसको सबसे अधिक पसंद था जिसमें 360 में से 355 नंबर आए हैं.
पिता नागौर शहर में करते हैं मजदूरी
निरमा नागौर के फिड़ोद गांव की रहने वाली हैं. उसके पिता नागौर शहर में मजदूरी का काम करते हैं. वहीं मां ग्रहणी हैं. निरमा ने बताया कि वह सुबह 10 बजे नागौर कोचिंग में पढ़ने जाती थी और उसके बाद शाम को घर आती थी. कोचिंग से आने के बाद वह मां-बाप को पशु चराने में भी सहयोग करती थी. उसके बाद वह फिर से पढ़ाई में जुट जाती थी.
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शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थी निरमा
निरमा के पिता मौजीराम मेघवाल ने बताया कि निरमा शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थी. उसने कक्षा 10 में 90% अंक हासिल किए थे और उसके बाद कक्षा 12वीं में 99.60% अंक हासिल किए थे. निरमा की इच्छा थी एक डॉक्टर बनने की जिसके कारण वह शुरुआत से ही एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ रही थी. निरमा के पिता ने उसकी दिन-रात की मेहनत को देखते हुए उसे एक कोचिंग इंस्टीट्यूट भी जॉइन करवा दी थी.
8 भाई-बहन और गरीब परिवार
निरमा 8 भाई-बहनों में 5 भाई-बहनों से बड़ी हैं. 3 भाई-बहन उनसे बड़े हैं जिनकी शादी हो चुकी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जो निरमा का परिवार है वह काफी गरीब परिवार है और इस गरीब परिवार के अंदर निरमा का कामयाबी हासिल करना एक बड़ी बात है.
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