बाल विवाह के बाद घर से भागा, परीक्षा से पहले पिता बना, अब डॉक्टर बनेगा रामलाल

चेतन गुर्जर

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Inspirational story of a young man who passed the NEET exam: कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता…बस तबीयत से पत्थर तो उछालो यारों. ये लाइनें उस वक्त सच साबित होती दिखीं जब रामलाल ने नीट परीक्षा में 632 अंक हासिल कर लिए. ये वही रामलाल हैं जिनकी महज 11 साल की उम्र में शादी हो गई थी. पिता दूसरे के खेत पर खेती करते हैं और मां चारा बेचती है. पर ये सारी बातें उस वक्त बौनीं हो गईं जब रामलाल ने नीट (NEET 2023) क्रैक करके दिखा दिया.

नीट परीक्षा के 6 महीने पहले रामलाल पिता भी बन गए. उनकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया. इधर 6 महीने पर बाद परीक्षा हुई और पांचवी बार में रामलाल ने नीट क्रैक कर दिया. रामलाल का कैटेगिरी रैंक 5137 तथा ऑल इंडिया रैंक 12901 है.

पत्नी ने किया सपोर्ट
रामलाल भोई बताते हैं कि जब वे 6वीं कक्षा में पढ़ रहे थे तब उनके मां-पिता ने शादी कर दी. उनकी और उनकी पत्नी की उम्र तब महज 11 साल थी. पिता नहीं चाहते थे कि बेटा 10वीं के बाद पढ़े पर रामलाल के जुनून को कोई रोक नहीं पाया. इधर रामलाल की पत्नी ने भी पूरा सपोर्ट किया. पत्नी शादी के बाद मायके में रहती थी. 6 साल पहले वो ससुराल आई. रामलाल की पत्नी भी 10वीं के बाद पढ़ना चाहती थी. पर उसे भी पढ़ने नहीं दिया गया. उसने ससुराल की पूरी जिम्मेदारी उठा ली और रामलाल को पढ़ने में मदद की.

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एक बार पिता ने की थी पिटाई
गांव के लोगों के बहकावे में आकर एक बार पिता ने रामलाल की पिटाई कर दी. पिटाई इसलिए क्योंकि वो पढ़ने की जिद लिए बैठा था. फिर रामलाल के दोस्तों ने उनके पिता को समझाया. फिर पिता ने सपोर्ट करना शुरू किया. बेटे की पढ़ाई के लिए कर्ज तक लिया. रामलाल ने 4 अटेम्ट दिए पर सफल नहीं हो पाया. फिर भी हिम्मत नहीं हारी और 5वें अटेम्प्ट में उन्होंने नीट का एग्जाम क्लीयर कर लिया. अब वे डॉक्टरी पढ़ेंगे.

नीट के बारे में पता तक नहीं था
रामलाल ने गांव के ही सरकारी स्कूल से 10वीं कक्षा 74 प्रतिशत अंकों से पास की. इसके बाद 11वीं में दोस्त एग्रीकल्चर ले रहा था. ऐसे में रामलाल उसके साथ उदयपुर चला गया. वहां जाने के बाद शिक्षकों ने बॉयोलॉजी विषय और नीट परीक्षा के बारे में जानकारी दी. फिर रामलाल ने बॉयोलॉजी के साथ 11वीं और 12वीं की परीक्षा पास की. इस दौरान समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित अम्बेडकर छात्रावास रहने का मौका मिला जो निशुल्क था.

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पढ़ाई करने के लिए घर से भागा
नीट की तैयारी के लिए कोटा आने लगा तो लोगों ने कहा कि ‘क्या करेगा पढ़कर ?’ पढ़ाई के नाम पर घर वालों ने मारा-पीटा. फिर रामलाल घर से भागकर उदयपुर गया और वहां एडमिशन लिया. बाद में दोस्त के पिता ने रामलाल के पिता को समझाया तो वे माने. साल 2019 में रामलाल ने 12वीं की परीक्षा 81 प्रतिशत अंकों से पास की.

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मां-पिता मजदूरी करते हैं
रामलाल राजस्थान के चित्तौड़गढ जिले के घोसुन्दा का रहने वाला है.उसका घर भेड़च नदी किनारे है. घर कच्चा है. छत पर केलुवे डले हुए हैं. बिजली कनेक्शन है, लेकिन आधे समय बिजली गुल रहती है. पिता गणेश भोई दूसरों के खेत जोतते हैं और मां कमला देवी खेत से मिलने वाले चारे चित्तौड़गढ़ ले जाकर बेचती है. दोनों का मजदूर कार्ड भी बना हुआ है. कभी-कभार मजदूरी का काम भी मिल जाता है. रामलाल पांच भाई-बहन है. दो बहनों की शादी हो चुकी है.

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