चूहों ने कुतरे मरीजों के पैर तो NHRC ने थमाया नोटिस, मुख्य सचिव और अस्पताल से मांगा ये जवाब

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चूहों ने कुतरे मरीजों के पैर तो NHRC ने राजस्थान सरकार को थमाया नोटिस, अस्पताल से भी मांगा जवाब
चूहों ने कुतरे मरीजों के पैर तो NHRC ने राजस्थान सरकार को थमाया नोटिस, अस्पताल से भी मांगा जवाब
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NHRC Served Notice To Rajasthan Government: जोधपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मथुरादास माथुर अस्पताल (MDMH) में चूहों द्वारा मरीजों के पैर कुतरे जाने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक्शन मोड में आ गया है. NHRC ने राजस्थान के मुख्य सचिव और अस्पताल के अधीक्षक को नोटिस भेजकर 4 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

दरअसल, एमडीएमएच अस्पताल में चूहों द्वारा मरीजों के पैर कुतरे जाने की बढ़ती घटनाओं पर एनएचआरसी ने स्वत: संज्ञान लिया है. बताया जा रहा है कि चूहों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि मनोचिकित्सा विभाग के वार्ड-सी में चूहों ने चार मरीजों के पैर कुतर दिए हैं.

आयोग ने जताई चिंता
मानवाधिकार आयोग ने बताया कि यदि मीडिया रिपोर्ट्स के तथ्यों में सच्चाई है तो यह रोगियों के स्वास्थ्य और चिकित्सा देखभाल के अधिकार का उल्लंघन है जो चिंता का विषय है. एनएचआरसी ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. नोटिस में एमडीएमएच अस्पताल के मरीजों की शिकायतों को दूर करने के लिए उठाए गए/उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी गई है.

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इसके अलावा एनएचआरसी ने मथुरादास माथुर अस्पताल के अधीक्षक को भी नोटिस देकर 4 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. आयोग ने उस अधिकारी के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है जिसकी लापरवाही की वजह से ऐसी घटना घटी है.

चूहे मारने के लिए एजेंसी को हर महीने 7000 रुपये देता है अस्पताल
चूहों द्वारा मरीजों के पैर कुतरे जाने की घटनाएं सामने आने के बाद अस्पताल में पेस्ट कंट्रोल के लिए जिम्मेदार एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की बात की जा रही है. एनएचआरसी ने बताया है कि 3 जुलाई की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल प्रशासन कीड़ों और चूहों को मारने के लिए इस एजेंसी को हर महीने 7 हजार रुपये देता है. इसके बावजूद चूहों का आतंक बदस्तूर जारी है.

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अस्पताल के अधीक्षक ने कही ये बात
अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर विकास राजपुरोहित ने बताया कि मरीजों के पैर की अंगुलियों में चोट की बात सामने आई है. आशंका है कि वहां आस-पास मौजूद चूहों ने ये काम किया है. प्रबंधन का कहना है कि वहां पेस्ट कंट्रोल करना मुश्किल है क्योंकि मनोरोग वार्ड में कोई हानिकारक रसायन नहीं रखा जा सकता. आशंका रहती है कि मरीज उसका सेवन कर सकता है.

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