राम मंदिर को लेकर उत्साह, पुष्कर में कलाकारों ने तैयार कर दी मिट्टी की ये अद्भुत कलाकृति

Dinesh Parashar

• 02:16 PM • 17 Jan 2024

Ram Mandir News: अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir) होगी. इसे लेकर पूरे देश में आस्था का माहौल है. प्रभु राम के भक्त अलग-अलग अंदाज में इस ऐतिहासिक पल को संजो रहे हैं. पुष्कर स्थित रेत के थोरो में मिट्टी का राम मंदिर तैयार किया गया है. आर्टिस्ट अजय रावत […]

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Ram Mandir News: अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir) होगी. इसे लेकर पूरे देश में आस्था का माहौल है. प्रभु राम के भक्त अलग-अलग अंदाज में इस ऐतिहासिक पल को संजो रहे हैं. पुष्कर स्थित रेत के थोरो में मिट्टी का राम मंदिर तैयार किया गया है. आर्टिस्ट अजय रावत ने कई दिनों तक इस पर काम करके इस आकृति को तैयार किया. इस कलाकृति की 20 जनवरी को वैदिक मंत्रोच्चर के साथ होगा पूजा भी होगी.

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वहीं, पुष्कर सरोवर के किनारे 300 फीट लम्बा श्री राम धनुष कोदंड का भी एक खूबसूरत चित्रण पेश किया. इसे राजस्थानी मांडने से बनाया गया है. जिसे देख यहां आने वाले विदेशी पर्यटक भी बेहद आश्चर्य चकित हैं. दरअसल, अयोध्या में सात दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को यहां भी धूमधाम से बनाया जा रहा है. इसी के चलते लोक कला संस्थान, अजमेर के कलाकारों ने यह आकृति बनाई.

देखिए श्री राम धनुष की शानदार कलाकृति

संस्थान के आठ राजस्थानी मांडणा कलाकारों ने विश्व प्रसिद्ध पवित्र पुष्कर सरोवर के ग्वालियर घाट पर 300 फीट लंबा और 18 फीट चौड़ा श्री राम धनुष कोदंड को लोक कला मांडना से मांडा. लोक कला संस्थान के निर्देशक और लोक कलाकार संजय कुमार सेठी ने बताया कि देश में पहली बार राजस्थानी लोक कला द्वारा इतना विशाल श्री राम का प्रिय कोदंड धनुष बनाया गया.

ऐसे तैयार हुई ये अद्भुत आकृति

इसे बनाने के लिए प्राकृतिक रंग गेरू, पांडू और पेवडी रंगों का उपयोग किया गया. संस्थान के प्रजेष्ठ नागोरा और मनोज प्रजापति ने इस धनुष का रेखाचित्र तैयार किया. उसके बाद घाट पर संजय कुमार सेठी, प्रजेष्ठ नागोरा, मनोज प्रजापति, अक्षरा माहेश्वरी, निकिता, गरिमा इंदौरा, दुर्गा गुर्जर, कृतिका शर्मा, प्रकाश नागोरा, अंकुर कुमावत और दीक्षा शर्मा ने 6 घंटे की मेहनत के बाद इसे चित्रांकित किया. बता दें कि भगवान राम के धनुष का नाम कोदंड था. ये बहुत प्रसिद्ध धनुष था. इसीलिए श्रीराम को कोदंड भी कहा जाता था. ‘कोदंड’ का अर्थ होता है बांस से बना हुआ. कोदंड एक चमत्कारिक धनुष था, जिसे हर कोई धारण नहीं कर सकता था. इसके निर्माण में 20 किलो पांडू, 10 किलो गैरू, 5 किलो पैवडी और 10 किलो रंगोली काम में ली गई.

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