हनुमान बेनीवाल के बाद अब ज्योति मिर्धा के भाई मनीष मिर्धा ने उनपर हमला बोला है. साथ ही कांग्रेस पार्टी में होते हुए बीजेपी के पक्ष में बोल रहे चाचा रिछपाल मिर्धा पर भी जमकर निशाना साधा. मनीष ने कहा कि घर में और बाहर स्लैंग लैंग्वेज में लोग गालियां बोलते हैं पर सार्वजनिक मंच पर खड़ा होकर ये गालियां देना अच्छा नहीं लगता है. ढलती उम्र में परिवार का नाम क्यों खराब कर रहे हैं.
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खुद के ऊपर नशा करने के आरोप पर मनीष मिर्धा ने कहा कि मुझे इतना समय मिलता नहीं है कि उनके बयान सुनूं. मुझे नहीं पता कि उनकी जानकारियों का श्रोत क्या है. नशा में होता तो मंच पर चढ़ नहीं सकता था. उनको खुद को चेक करना चाहिए. वे सार्वजनिक मंच से क्या खाकर, क्या नशा करके बोलते हैं?
हम तो सिर्फ जनता के बीच में आ सकते थे. ये तो जनता को तय करना है कि मैं हूं या न हूं. जो क्लेम कर रहे हैं कि उन्होंने दादा की विरासत को संभाला है तो वे बाबा की पार्टी में नहीं हैं. वे उस पार्टी में हैं जिसको बाबा पूरी जिंदगी सत्यानाशी फूल बोलते थे.
उसी फूल पर फोटो लगाना देना इससे बड़ी बेइज्जती क्या होगी. खींवसर क्षेत्र को तालिबानी बताना और संविधान बदलने की बात करना ये सब बौखलाहट दिख रहा है. उनके कई गुना आगे हैं हनुमान बेनीवाल.
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