Rajasthan: कांग्रेस पार्टी के नेता व जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर की एक फोटो ने अलवर की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. इस फोटो में जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर भाजपा प्रत्याशी भूपेंद्र यादव का स्वागत करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान भाजपा नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता व जिला पार्षद भी उनके साथ नजर आ रहे हैं. पूर्व मंत्री में बहरोड़ से विधायक जसवंत यादव के घर यह फोटो ली गई है. इस संबंध में बलवीर छिल्लर ने कहा कि वो जल्द ही बड़ा फैसला लेंगे. वो अपने समर्थक व नेताओं के संपर्क में है. सभी की सहमति से फैसला लिया जाएगा.
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लोकसभा चुनाव की हलचल के दौरान देशभर में नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला भी जारी है. कांग्रेस नेता बड़ी संख्या में भाजपा ज्वॉइन कर रहे हैं. तो अलवर में कांग्रेस ने युवा चेहरा ललित यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है. ललित यादव के प्रत्याशी बनने के बाद कांग्रेसी नेताओं में विरोध का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. कांग्रेस नेता व जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर ने पूर्व मंत्री पर बहरोड़ विधायक जसवंत यादव के घर पर केंद्रीय मंत्री व अलवर लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी भूपेंद्र यादव से मुलाकात की. उनको बुके देकर स्वागत किया. इस दौरान कांग्रेस के नेता बस्ती राम यादव सहित जिला पार्षद मौजूद रहे. तो इस फोटो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक गलियां में हलचल का माहौल नजर आया.
जिला प्रमुख बोले- जल्द फैसला करेंगे
इस संबंध में जब बलवीर छिल्लर से बात की गई. तो राजस्थान तक से बातचीत में बलवीर छिल्लर ने कहा कि वो जल्द ही बड़ा फैसला लेंगे. दो-तीन दिनों में सभी के सामने पूरा मामला होगा. वो अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं से संपर्क कर रहे हैं. उनकी सहमति से आगे के फैसले लिए जाएंगे. बलवीर छिल्लर की बातों से साफ है कि जल्द ही वो भाजपा ज्वॉइन कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस को बड़ा झटका होगा. क्योंकि बहरोड़ व नीमराना क्षेत्र में बलवीर छिल्लर का दबदबा है. लोग उनको पसंद करते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उनको जिला प्रमुख बनावाया था. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी ललित यादव की परेशानी बढ़ सकती है. दूसरी तरफ ललित यादव को टिकट मिलने के कारण पार्टी में अंदर खाने भी विरोध के स्वर शुरू होने लगे हैं. पार्टी के नेताओं ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ऐसे में अलवर की राजनीति का पारा अब चढ़ने लगा है. नेताओं के बयानों के साथ ही नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है.
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