'सॉरी पापा में थानेदार नहीं बन पाऊंगा', कोटा में फर्स्ट ईयर के छात्र ने दी जान, 13 दिन पहले पिता की हुई थी मौत

चेतन गुर्जर

10 May 2024 (अपडेटेड: May 10 2024 1:14 PM)

Kota: कोटा के आरकेपुरम थाना क्षेत्र स्थित आवली रोजड़ी निवासी (19) वर्षीय छात्र ने सुसाइड कर लिया. छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था. 12-13 दिन पहले पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई.

'सॉरी पापा में थानेदार नहीं बन पाऊंगा', कोटा में फर्स्ट ईयर के छात्र ने दी जान, 13 दिन पहले पिता की हुई थी मौत

'सॉरी पापा में थानेदार नहीं बन पाऊंगा', कोटा में फर्स्ट ईयर के छात्र ने दी जान, 13 दिन पहले पिता की हुई थी मौत

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Kota: कोटा के आरकेपुरम थाना क्षेत्र स्थित आवली रोजड़ी निवासी (19) वर्षीय छात्र ने सुसाइड कर लिया. छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था. 12-13 दिन पहले पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई. परिजनों ने बताया कि छात्र तब से तनाव में था. पुलिस को सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है - सॉरी पापा में थानेदार नहीं बन पाऊंगा'.

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मृतक छात्र सुभाष गुर्जर)कोटा स्थित अपने मकान में रहकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा था, सुभाष ने 12th क्लियर कर फर्स्ट ईयर में अभी पढ़ाई कर रहा था. 13 दिन पहले पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई. उसके बाद से ही सुभाष सदमे में था और पिता का सपना था कि सुभाष पुलिस सेवा में भर्ती हो. सुभाष ने अपने आंवाली रोजड़ी स्थित मकान में फंदे पर लटक कर जान दे दी. सुभाष ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें उसने लिखा कि 'सॉरी पापा, में थानेदार नहीं बन पाऊंगा'.

गंगापुर सिटी का रहने वाला था छात्र

आरकेपुरम थाना के सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार ने बताया कि छात्र के सुसाइड की हमें सूचना मिली थी. छात्र का नाम सुभाष गुर्जर (19) है. पिता छोटूलाल मूल रूप से गंगापुर सिटी का रहने वाले था. 2 दिन से परिजनों की बात नहीं हो पा रही थी तो परिजनों ने आसपास में लोगों को फोन किया और कहा कि सुभाष का फोन स्विच ऑफ आ रहा है. जिसके बाद पुलिस को जानकारी मिली. और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर देखा कि मकान का अंदर से गेट बंद था, उसके बाद परिजनों की मौजदूगी में पुलिस ने कमरे का दरवाजा खोला तो सुभाष फंदे से लटका मिला. 

13 दिन पहले पिता की हुई थी मौत

परिजनों ने बताया कि उसके पिताजी का सपना था कि वह पुलिस सेवा में जाए. 12 से 13 दिन पहले पिता की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी. उस वजह से भी डिप्रेशन में था, पढ़ाई को लेकर भी थोड़ा डिप्रेशन था, सुभाष ने 12th क्लास क्लियर की है और फर्स्ट ईयर में अभी पढ़ रहा था. मकान चारों ओर से पैक था इसीलिए किसी को पता नहीं लग पाया शव कई दिन तक फंदे पर लटका रहा है. सुसाइड नोट में सुभाष ने अपने पिता को रेफरेंस करते हुए बताया कि - पिताजी आप चाहते थे कि मैं एक पुलिस अधिकारी बनूं पर उसमें वह नाकामयाब रहा.

पिता की मौत के बाद कोटा आया था

पिता की मृत्यु के बाद सुभाष भी गांव गया था लेकिन वह हाल ही में कोटा आ गया था. बुधवार को परिजनों ने उसे काफी बार फोन लगाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर परिजन चिंतित हो गए. उन्होंने पड़ोसी को फोन कर सुभाष की जानकारी चाहिए तब सुसाइड का पता चला. बुधवार रात को सूचना मिलने पर पुलिस ने शव मेडिकल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया.
 

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