kota: Russia से MBBS करने के लिए कोचिंग छात्रा ने रची पूरी कहानी, पुलिस को 15 दिन तक छकाया!

चेतन गुर्जर

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तस्वीर: राजस्थान तक.
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kota kidnapping case: कोटा (Kota crime news) में बहुचर्चित कोचिंग छात्रा के अपहरण (kota kidnapping case) मामले में चौंकाने वाला खुलासा होने के बाद दो राज्यों की पुलिस उसे ढूंढती रही. आखिरकार 15 दिन बाद पुलिस को कामयाबी हाथ लगी है. छात्रा को पुलिस ने इंदौर (indore olice) से दस्तयाब कर लिया है. राजस्थान और मध्य प्रदेश (MP Police) की पुलिस 15 दिनों से छात्रा को खोज रही थी. 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल 15 दिन पहले 21 साल की कोचिंग छात्रा की एक तस्वीर और वीडियो उसके पिता के फोन पर भेजा जाता है. पिता रस्सी से बंधी बेटी को तड़पते देख बुरी तरह से घबरा जाते हैं. पिता से बताया जाता है कि बेटी किडनैप हो चुकी है और 30 लाख रुपए की फिरौती के बाद ही उसे छोड़ा जाएगा. इधर बुरी तरह से घबराए पिता बेटी की इन तस्वीरों के साथ पुलिस थाना पहुंचते हैं. पता चलता है कि बेटी कोटा में कोचिंग पढ़ती है और वहीं से किडनैप हुई है. फिर मामला कोटा पुलिस के पास आता है. उधर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) भी मामले में कूदते हैं और मध्य प्रदेश की बेटी को सुरक्षित घर लाने के लिए राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajan lal Sharma) से बात करते हैं. सीएम भजनलाल शर्मा राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) को मामले में त्वरित कार्रवाई कर छात्रा को सुरक्षित लाने के लिए कहते हैं. फिर कहानी का जो पटाक्षेप होता है वो बेहद चौंकाने वाला होता है. 

छात्रा कोटा में पढ़ती ही नहीं थी, पिता से बोली झूठ

कोटा पुलिस की जांच में सामने आया कि छात्रा अपनी मां के साथ अगस्त 2023 में कोटा में कोचिंग (Kota coaching) में एडमिशन लेने आई. वो NEET की तैयारी करना चाहती थी. उसने मां से कहा कि वो एडमिशन खुद करा लेगी. ऐसे में मां ने छात्रा के अकाउंट में एडमिशन के पैसे ट्रांसफर किए और अपने घर शिवपुरी मध्य प्रदेश चली गईं. इधर छात्रा- एक दो दिन रुकी और इंदौर चली गई. वहां वो दूसरे मोबाइल नंबर से पिता को अपने अटेंडेंस का झूठा मैसेज भेजती रही ताकि उन्हें ये लगे कि बेटी कोटा में कोचिंग कर रही है. इधर छात्रा इंदौर में अपने फ्रेंड्स के साथ थी. 

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यहीं बना रूस जाने का प्लान फिर...

कोटा पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए इंदौर पहुंची. यहां इंदौर पुलिस की मदद से वो छात्रा के पूर्व परिचित हर्षित के दोस्त बृजेंद्र तक पहुंची तो किडनैपिंग की कहानी के सारे धागे खुल गए. छात्रा के हाथ-पांव बांधकर जहां फोटो और वीडियो शूट किया गया था वहीं बृजेंद्र रहता है. यहीं किचन में कार्टन रखे हुए थे. पता चला कि इन कार्टन में छात्रा और उसके दोस्त हर्षित के सामाना थे. चूंकि ये प्लान बनाने से पहले दोनों ने किराए का कमरा खाली कर सामान बृजेंद्र के कमरे पर रख दिया था और वहीं किडनैपिंग का फोटो वीडियो शूट कर जयपुर निकल गए.   

जयपुर से किया कॉल

छात्रा और उसके दोस्त हर्षित के साथ गुमराह करने के लिए बस का टिकट लिया. फिर ट्रेन पकड़कर जयपुर आ गई. यहां नया मोबाइल और सिम लेकर छात्रा के पिता को फोटो भेजकर हर्षित ने अपरहण की धमकी दी. पैसे भी छात्रा के बैंक अकाउंट में मांगा गया. इधर छात्रा के पिता ने अकाउंट में पैसे डालने की बजाय थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज करा दी. पैसे नहीं मिले तो मोबाइल को बंद कर दिया.  

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इंदौर से पकड़े गए छात्रा और उसका दोस्त

इधर इंदौर पुलिस ने मंगलवार रात को इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के पास से दोनों के होने की सूचना मिली. इसके बाद रात को ही कोटा पुलिस इंदौर के लिए रवाना हो गई और वहां कानूनी कार्रवाई के बाद दोनों को लेकर बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे कोटा पहुंची. छात्रा व उसके दोस्त को विज्ञान नगर थाने में रखा गया है. दोनों को इंदौर से किराए के एक कमरे से पकड़ा गया है. छात्रा ने साजिश के अनुसार दोस्त हर्षित यादव और विजेंद्र प्रताप के साथ 16 मार्च को जयपुर गई. 17 को होटल में ठहरे. 18 मार्च को छात्रा ने नई सिम खरीदी और उसी से दोस्त के जरिए पिता को कॉल कराया और फोटो-वीडियो भिजवाया. 

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19 मार्च को इंदौर से अमृतसर चली गई

जब छात्रा को पता चला कि उसके पिता इस मामले में एसपी इंदौर को सूचना देने जा रहे हैं तो वह डर गई और अपने दोस्तों के साथ इंदौर आ गई. मामला मीडिया में हाइलाइट होने पर वह अपने दोस्त हर्षित यादव के साथ 19 मार्च को इंदौर से चंडीगढ़ और वहां से अमृतसर चली गई. जहां 6 दिन स्वर्ण मंदिर गुरुद्वारे में रुके और लंगर में खाना खाया. रुपए खत्म होने पर दोनों 28 मार्च को इंदौर आ गए. यहां देव गुराडिया क्षेत्र में किराए से कैमरा लेकर रहने लगे. जहां से पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया. 

खुद यूट्यूब से सर्च की जानकारी

कोटा सिटी एसपी डॉ. अमृता दूहन ने बताया कि छात्रा ने खुद ही यूट्यूब से रूस में करीब 30 लाख में एमबीबीएस कर लेने की जानकारी सर्च की. उसने दोस्त विजेंद्र प्रताप और हर्षित यादव के साथ मिलकर अपने पिता से रुपए ऐंठने का षड्यंत्र रचा. तीनों ने अपहरण की झूठी कहानी बनाते हुए दोस्त विजेंद्र प्रताप के कमरे पर इंदौर में ही वीडियो बनाया. हाथ-पैर बांधकर फोटो भी खींची. काव्य को पता था कि उसके पिता ने हाल ही में प्लॉट बेचा है. ऐसे में वह अपहरण का के बदले रुपए दे देंगे. वह रू में जाकर एमबीबीएस की डिग्री लेकर आने के बाद पिता को राजी कर लेगी, लेकिन उसकी साजिश फेल हो गई. इससे वह घबरा गई. छात्रा से प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि वह अपनी मां के साथ 2 अगस्त को कोटा में कोचिंग करने के लिए आई थी और विज्ञान नगर में एक हॉस्टल में रूम लिया था. मां के जाने के दो दिन बाद ही उसने हॉस्टल छोड़ दिया और इंदौर चली गई. वहां पहले की भांति पढ़ने लगी थी. उसका कोटा की किसी कोचिंग व हॉस्टल से कोई सरोकार नहीं रहा था. 

18 मार्च को कोटा पुलिस ने किया था केस दर्ज

कोटा पुलिस की मानें तो 18 मार्च को छात्रा के अपहरण की बात सामने आई. केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू की तो उसकी मोबाइल लोकेशन इंदौर में मिली. इंदौर पुलिस की मदद से कोटा पुलिस ने छात्रा और उसके साथ नजर आए हर्षित की तलाश में टीमें लगाई. छात्रा के एक दोस्त विजेंद्र को पड़कर पूछताछ की तो उसने बताया कि छात्रा ने अपहरण का झूठ बोला है. उसकी फोटो किचन में मोबाइल से खींची गई थी. यह मालूम चलने के बाद भी छात्रा के मिलने पर ही सारी बातों की पुष्टि हो सकती थी. इसलिए पुलिस लगातार उनके पीछे रही. इस बीच छात्रा और हर्षित ट्रेन से चंडीगढ़ और वहां से अमृतसर पहुंचे वहां गुरुद्वारे में रहे. 28 मार्च को वह फिर इंदौर लौट आए. इसकी सूचना मिलने पर इंदौर क्राइम ब्रांच टीम ने मौके पर दबिश  देकर छात्रा और हर्षित को पकड़ लिया.

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