विधायक बाबा बालकनाथ के मंत्री बनने की चर्चा तेज, क्या है भजनलाल सरकार का नया Plan?

Himanshu Sharma

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लोकसभा चुनाव से पहले भजनलाल सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार होना है. ऐसे में जातीय समीकरण के आधार पर कई नए चेहरे सामने आ सकते हैं. बाबा बालक नाथ के मंत्री बनने की चर्चा फिर से तेज होने लगी है. इसके अलावा बहरोड़ से विधायक जसवंत यादव का नाम भी संभावित मंत्रियों की लिस्ट में आगे चल रहा है.

सरकार में अभी 12 कैबिनेट, चार स्वतंत्र प्रभार और पांच राज्य मंत्री हैं. इसलिए सरकार में 8 मंत्रियों के लिए अभी मंत्रिमंडल में जगह है. मंत्रिमंडल विस्तार में तीन से चार मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है. ऐसे में बहरोड़ से विधायक जसवंत यादव व तिजारा से विधायक बाबा बालक नाथ में से कोई एक को मंत्री बनाया जा सकता है. दोनों यादव समाज से आते हैं. 

यादव समाज चल रहा नाराज

मंत्रिमंडल में यादव समाज को जगह नहीं मिलने के कारण यादव समाज नाराज चल रहा था. अलवर में यादव समाज द्वारा विरोध प्रदर्शन किए गए, क्योंकि बाबा बालक नाथ मुख्यमंत्री की रेस में शामिल थे. मुख्यमंत्री के बाद डिप्टी सीएम व मंत्रिमंडल में भी उनका नाम चल रहा था, लेकिन बालक नाथ को मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं मिली. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले यादव समाज को साधने के लिए मंत्रिमंडल में यादव समाज को प्रतिनिधित्व मिल सकता है. 

लोकसभा को लेकर ये है BJP की गणित

लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने राजस्थान की 15 सीटों पर अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दिया है. इसमें अलवर से वन एवं पर्यावरण मंत्री उपेंद्र यादव को टिकट दिया गया है. अलवर लोकसभा सीट पर करीब साढ़े तीन लाख यादव मतदाता हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जसवंत यादव या बाबा बालक नाथ को जगह मिल सकती है. अगर ऐसा हुआ तो अलवर में दो मंत्री होंगे. इसका फायदा सीधे आम लोगों को मिलेगा. 

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कौन-कौन हैं मंत्री पद के दावेदार

जसवंत यादव और बालक नाथ के अलावा श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों से गुरवीर बराड़ का नाम आगे चल रहा है. पहले श्रीकरणपुर उपचुनाव के बीच सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बनाया गया था, लेकिन उपचुनाव हारते ही टीटी ने इस्तीफा दे दिया था. अभी श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ जिले में कोई मंत्री नहीं है. वैश्य समाज से भी केवल एक मंत्री है. वैश्य समाज बीजेपी का परंपरागत वोटर है. हमेशा से दो से तीन मंत्री इस समाज से रहते हैं. इसलिए वैश्य समाज से दिप्ती माहेश्वरी, प्रताप सिंह सिंघवी और कालीचरण सराफ का नाम भी आगे चल रहा है. सिंधी समाज से हर बार मंत्री बनाया जाता है. इस बार सिंधी समाज से श्री चंद्र कृपलानी दावेदार हैं. बांसवाड़ा डूंगरपुर से भी एक मंत्री बनाया जा सकता है.  

राजस्थान के इन 16 जिलों से कोई मंत्री नहीं

भजनलाल सरकार में सभी 17 जिलों से सीएम को मिलाकर 24 मंत्री हैं. अभी 16 जिले ऐसे हैं जहां से कोई मंत्री नहीं है. इन 16 जिलों में 75 विधानसभा सीटों में से भाजपा के पास 36 विधानसभा सीट हैं. इसलिए लगातार नाराजगी के सुर सुनाई दे रहे हैं. बारां, झालावाड़, बूंदी, धौलपुर, हनुमानगढ़, झुंझुनू, चूरू, भीलवाड़ा, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, करौली, दौसा, जैसलमेर, जालौर, श्रीगंगानगर जिलों से कोई मंत्री नहीं है.  

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जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने के प्रयास जारी

शेखावाटी और नगरी क्षेत्र के पांच जिलों से केवल दो मंत्री हैं. इसी तरह के हालात अन्य क्षेत्र में भी हैं. इसलिए भजनलाल सरकार में जातीय व नगरी संतुलन बनाने के प्रयास किया जा रहे हैं. जिस क्षेत्र से मंत्री बनते हैं, वहां सियासी रूप से पार्टी का फायदा होता है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी कमजोर इलाकों को साधने के लिए उस क्षेत्र से विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है.

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