राजस्थान में मुस्लिमों का आरक्षण होगा खत्म? लोकसभा चुनाव के बाद बड़ा फैसला लेने की तैयारी में बीजेपी!
लोकसभा चुनाव के बीच मुस्लिमों को आरक्षण के मामले में सियासत तेज हो गई है. अब इसकी आहट राजस्थान में भी सुनाई देने लगी है. बीजेपी सरकार प्रदेश में आरक्षण को रिव्यू करने की तैयारी में है.
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![राजस्थान में मुस्लिमों का आरक्षण होगा खत्म? लोकसभा चुनाव के बाद बड़ा फैसला लेने की तैयारी में बीजेपी! Rajasthan: भजनलाल सरकार का बड़ा कदम, अब विवाहित महिला भी बन सकेगी आंगनबाड़ी सहायिका, मानदेय 10% भी बढ़ाया](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/rjtak/images/story/202405/6655e6f8c2119-bhajanlal-sharma-015029868-16x9.jpg?size=948:533)
लोकसभा चुनाव के बीच मुस्लिमों को आरक्षण के मामले में सियासत तेज हो गई है. अब इसकी आहट राजस्थान में भी सुनाई देने लगी है. बीजेपी सरकार प्रदेश में आरक्षण को रिव्यू करने की तैयारी में है. यह रिव्यू सभी जातियों को लेकर नहीं, बल्कि ओबीसी में शामिल मुस्लिमों के संबंध में होगा. इसके लिए सरकार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के रिजल्ट का इंतजार कर रही है. क्योंकि आचार संहित हटने के बाद ही सरकार इस पर काम कर पाएगी.
मुस्लिमों के आरक्षण को रिव्यू करने के लिए सरकार हाईपावर कमेटी बनाने की तैयारी में है. यह कमेटी मुस्लिम के ओबीसी कोटे का रिव्यू करवाएगी. इसे लेकर सीएम भजनलाल शर्मा की सरकार में कैबिनेट मंत्री का बयान भी सामने आ गया है.
सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने मुस्लिम जातियों के ओबीसी आरक्षण का रिव्यू करवाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति के तहत अलग-अलग समय पर मुस्लिम जातियों को ओबीसी का आरक्षण दिया था, लेकिन अब उनकी सरकार और विभाग इसका रिव्यू करेंगे. मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में प्रावधान किया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता. लेकिन कांग्रेस ने 1997 से लेकर 2013 के बीच अलग-अलग समय पर 14 मुस्लिम जातियों को ओबीसी में डाला है.
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