Rajasthan Politics: 4 जून के नतीजों के बाद बीजेपी में तूफान! भजनलाल शर्मा के वसुंधरा राजे और किरोड़ीलाल मीणा परेशानी?

राजस्थान तक

ADVERTISEMENT

Rajasthantak
social share
google news

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के मतदान खत्म होने के बाद अब इंतजार 4 जून के नतीजों का है. इस बार दो चरणों में हुई वोटिंग में मतदान प्रतिशत को लेकर काफी चर्चा रही. पहले चरण में 12 सीटों पर कुल 57.88 प्रतिशत मतदान हुआ. जबकि 2019 में राजस्थान के 12 लोकसभा क्षेत्रों में 64.02 फीसदी मतदान हुआ था. वहीं, दूसरे चरण की 13 सीटों पर 64.56 फीसदी वोटिंग हुई, जो पहले चरण की तुलना में 6.69 फीसदी अधिक है.

राजनीतिक एक्सपर्ट्स से लेकर फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bazar) का दावा है कि बीजेपी को इस बार सीटों में कटौती हो सकती है. जिसे खुद केंद्रीय गृहमंत्री और पार्टी के दिग्गज नेता अमित शाह भी स्वीकार सकते हैं. लेकिन इससे एक कदम आगे रहते हुए कांग्रेस (Congress) के नेता 7 से 10 सीटों का दावा कर रहे हैं. 

 

 

जानकारों के मुताबिक चुनावी परिणाम जिस पार्टी के भी विपरीत रहेंगे, उस दल में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीजेपी और कांग्रेस में संगठन की तस्वीर बदल जाएगी? चर्चा है कि चुनाव परिणाम के बाद राजस्थान (Rajasthan News) कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर हाईकमान बड़ा फैसला ले सकता है. इसके चलते कांग्रेस में पीसीसी चीफ को लेकर लॉबिंग भी शुरू हो गई है.  

चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी में बदलेंगे समीकरण?

विधानसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी में वसुंधरा राजे चुप्पी साधे हुए हैं. झालावाड़ में बेटे दुष्यंत राजे की सीट के अलावा उनकी सक्रियता किसी और सीट पर दिखाई नहीं दी. जानकारों के मुताबिक अन्य सीटों पर बीजेपी के पक्ष में परिणाम नहीं होने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए कई चुनौतियां पैदा हो सकती हैं. हाल ही में केबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने भी भ्रष्टाचार को लेकर सीएम से शिकायत की, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अब बाबा भी सीएम के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

पायलट ने की 100 सभाएं, यहां गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर!

राजस्थान में मतदान खत्म होने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट पर भी सबकी निगाहें हैं. उन्होंने दौसा, टोंक सवाई माधोपुर समेत कई सीटों पर जमकर चुनाव प्रचार किया. इन सीटों पर बीजेपी बुरी तरह फंसती नजर आ रही है. ऐसे में इस बार अगर इन सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई तो पायलट की ताकत बढ़ेगी.

खास बात यह है कि राजस्थान के बाद भी पायलट इस लोक सभा चुनाव में 14 राज्यों में 100 से अधिक सभाएं कर चुके हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी में मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी के बाद सबसे ज़्यादा डिमांड सचिन पायलट की हैं. आगामी दिनों में वह पंजाब, हिमाचल, और सातवें चरण के बाकी राज्यों में प्रचार करने जाएंगे.

ADVERTISEMENT

वहीं, अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जालोर सिरोही लोकसभा सीट से मैदान में हैं. लेकिन फलोदी सट्टा बाजार हो या एक्सपर्ट्स, हर कोई उनकी जीत को लेकर पशोपेश में हैं. दावा किया जा रहा है कि वैभव के लिए यह सीट फंस गई है. अगर यहां गहलोत के बेटे की हार होती है तो कांग्रेस में एक बड़ा तूफान आ सकता है.

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT