कांग्रेस में एक बार फिर होगा Gehlot vs Pilot! चुनाव नतीजों के बाद पार्टी में घमासान की सुगबुगाहट क्यों हुई तेज?
अगले महीने 4 जून को लोकसभा चुनाव के रिजल्ट घोषित हो जाएंगे. चुनावी परिणाम घोषित होने से पहले ही कांग्रेस में घमासान की सुगबुगाहट तेज हो गई है. यह चर्चा प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में हो रही है.
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अगले महीने 4 जून को लोकसभा चुनाव के रिजल्ट घोषित हो जाएंगे. चुनावी परिणाम घोषित होने से पहले ही कांग्रेस में घमासान की सुगबुगाहट तेज हो गई है. यह चर्चा प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में हो रही है. कयास तब और भी तेज हो गए जब उत्तर प्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक इंटरव्यू के दौरान कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बयान को बेवकूफी भरा बता दिया. दरअसल, पायलट ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जालौर में वैभव गहलोत के चुनाव प्रचार के लिए उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया. जिसके बाद गहलोत ने ऐसे बयान देने से बचने की सलाह दी थी.
इन सबके बीच चुनावी परिणाम कांग्रेस (Congress) की राजनीति पर असर डाल सकते हैं. क्योंकि जहां गहलोत बेटे की लोकसभा सीट पर प्रचार में व्यस्त थे. वहीं, पायलट (Sachin Pilot) ने भी समर्थित नेताओं के लिए प्रचार में भरपूर जोर लगाया. उन्होंने दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर समेत कई सीटों पर जमकर धुआंधार प्रचार किया. फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक इन सीटों पर बीजेपी बुरी तरह फंसती नजर आ रही है. ऐसे में इस बार अगर इन सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई तो पायलट की ताकत बढ़ेगी.
प्रदेश के बाद देश में भी दम दिखा रहे पायलट!
खास बात यह है कि राजस्थान के बाद भी पायलट इस लोकसभा चुनाव में 14 राज्यों में 100 से अधिक सभाएं कर चुके हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी में मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी के बाद सबसे ज़्यादा डिमांड सचिन पायलट की हैं. आगामी दिनों में वह पंजाब, हिमाचल, और सातवें चरण के बाकी राज्यों में प्रचार करने जाएंगे.
वहीं, जालोर-सिरोही लोकसभा सीट को लेकर फलोदी सट्टा बाजार का दावा है कि यह कांग्रेस के लिए परिणाम विपरीत हो सकते हैं. अगर यहां गहलोत के बेटे की हार होती है तो कांग्रेस में एक बड़ा तूफान आ सकता है. हालांकि यह सबकुछ निर्भर करेगा कि कांग्रेस की राज्य में कितनी सीटें आती है और पायलट समर्थित प्रत्याशियों के संसदीय क्षेत्र में क्या परिणाम रहता है?
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बता दें कि राजनीतिक एक्सपर्ट्स से लेकर फलोदी सट्टा बाजार का दावा है कि बीजेपी को इस बार सीटों में कटौती हो सकती है. जिसे खुद केंद्रीय गृहमंत्री और पार्टी के दिग्गज नेता अमित शाह भी स्वीकार सकते हैं. लेकिन इससे एक कदम आगे रहते हुए कांग्रेसके नेता 7 से 10 सीटों का दावा कर रहे हैं.
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