जान से मारने की धमकी के बाद रविंद्र भाटी ने कहा कुछ ऐसा कि समर्थकों ने दोनों हाथ उठाकर भरी हुंकार
रविंद्र भाटी ने कहा कि चुनाव तो विकास के लिए लड़ा जा रहा था. लेकिन कुछ लोगों ने इसमें जाति बीच में लाने की कोशिश की.
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रविंद्र भाटी ने कहा कि चुनाव तो विकास के लिए लड़ा जा रहा था. लेकिन कुछ लोगों ने इसमें जाति बीच में लाने की कोशिश की.
बाड़मेर-जैसलमेर (barmer jaisalmer seat 2024) से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra SIngh Bhati) वोटिंग के दौरान प्रशासन की लापरवाही और अपने समर्थकों पर एकतरफा कार्रवाई के विरोध में शनिवार को धरने पर बैठ गए. वह अपने समर्थकों के साथ धरना देने के लिए बालोतरा एसपी ऑफिस के बाहर पहुंचे थे. हालांकि बाद में प्रशासन के आश्वासन के बाद उन्होंने धरना खत्म कर दिया. इस बीच उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिली जिसके बाद वह अपने समर्थकों को संबोधित करने पहुंचे.
अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए भाटी ने कहा, "रविंद्र तो आपको सेवक है, तुम्हारो भाई है, आपको टाबर है जो आपकी सेवा में हमेशा हाजिर है. विरोधियों को जनता इस बात का जवाब वोट की चोट से दे चुकी है." जब रविंद्र सिंह भाटी ने पूछा कि ये सही बात है या नहीं, तो वहां मौजूद समर्थकों ने दोनों हाथ उठाकर हुंकार भरी.
'जो चुनाव विकास के लिए था उसमें जाति बीच में लाई गई'
बाड़मेर-जैसलमेर से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने कहा, "वोटिंग के दौरान मेरे कई साथियों को बिना बात के हिरासत में लिया गया. प्रवासी साथियों को वोट देने से रोका गया. मैंने सिस्टम के लोगों से इसे रोकने के लिए अपील की. वे तमाम लोग चाह रहे थे कि यहां का भाईचारा और सौहार्द बिगड़े." भाटी ने कहा कि चुनाव तो विकास के लिए लड़ा जा रहा था. लेकिन कुछ लोगों ने इसमें जाति, धर्म और समाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाली चीजें लाने की कोशिश की. लेकिन जनता ने उन सबको वोट के जरिए जवाब दे दिया है.
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