JLF 2023: साहित्य के महाकुंभ का हुआ आगाज, फिल्म समीक्षक ने कहा- शाहरुख खान मुसलमान इसलिए पठान का विरोध

JLF2023: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 का रंगारंग आगाज हो गया है. पिंकसिटी के पांच सितारा होटल में आयोजित हो रहा फेस्टिवल 5 दिन चलेगा. इस फेस्ट के इस 16वें संस्करण में 350 वक्ता और लेखक शामिल होंगे. इस मौके पर राजधानी जयपुर एक बार साहित्य के रंग में रंगी नजर आई. गुरुवार को फेस्ट का […]

NewsTak
social share
google news

JLF2023: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 का रंगारंग आगाज हो गया है. पिंकसिटी के पांच सितारा होटल में आयोजित हो रहा फेस्टिवल 5 दिन चलेगा. इस फेस्ट के इस 16वें संस्करण में 350 वक्ता और लेखक शामिल होंगे. इस मौके पर राजधानी जयपुर एक बार साहित्य के रंग में रंगी नजर आई. गुरुवार को फेस्ट का आगाज कर्नाटक गायिका सुषमा सोम के दिल को छू लेने वाले संगीत के साथ हुआ. वहीं जेएलएफ के उद्घाटन सत्र में नोबेल प्राइज विजेता अब्दुल रजाक भी मौजूद रहे. पहले दिन राइट टू सेक्स भीमराव अंबेडकर लाइफ टाइम्स खाकी फाइल्स जैसे प्रमुख मुद्दों पर आमिया श्रीनिवासन, शशि थरूर, शोभा डे, फिल्म समीक्षक अजीत राय, अजय पाल लांबा जैसे वक्ताओं ने अपनी बात रखी. इसके साथ ही नेगोशिएशन द न्यू नार्मल, वेल प्लेड फ्रॉम हियर टू अटरनिटी, फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स इंडिया एंड यूएसए स्टोरी, जयपुरनामा, माय हंगर फॉर लाइफ जैसी किताबों का विमोचन भी किया गया.

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में गुरुवार को ‘बॉलीवुड की ‘बुनियाद’ सेशन में फिल्म समीक्षक अजीत राय ने शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ के विरोध को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि फिल्म का विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि शाहरुख खान मुसलमान हैं.

फिल्म समीक्षक अजीत राय ने कहा-अगर शाहरुख मुसलमान नहीं होते, तो शायद यह विरोध भी नहीं होता. यह एक तरीके का मेन्युफैक्चरर प्रोटेस्ट है, इसलिए मैं इसका समर्थन नहीं करता हूं. उन्होंने कहा- व्यक्तिगत तौर पर मैं फिल्म क्रिटिक के रूप में फिल्म सेंसरशिप या किसी तरह की सेंसरशिप को नहीं मानता हूं. उन्होंने कहा- दुनियाभर में क्रिएटिव सेंसरशिप कहीं पर भी नहीं है.

यह भी पढ़ें...

बॉलीवुड फिल्मों का बाजार 5000 करोड़ जबकि जूतों का 56 हजार करोड़ का
अजीत राय ने कहा कि बॉलीवुड में कोई क्रिएटिव माइंडसेट का विकास नहीं हो पा रहा है. इसी कारण से बॉलीवुड दुनिया में पिछड़ रहा है. इंडिया में सबसे कम पैसा राइटिंग और क्रिएटिव माइंडसेट पर खर्च होता है. वर्ल्ड लेवल पर फिल्म बिजनेस पर नजर डालें, तो यूरोप के मुकाबले हमारी जीडीपी 0.5 प्रतिशत ही है. पूरी बॉलीवुड फ़िल्म इंडस्ट्री केवल 5 हजार करोड़ रुपए की है. जबकि टीवी और न्यूज इंडस्ट्री इससे कहीं बड़ी है. टीवी का मार्केट करीब 80 हजार करोड़ रुपए से ऊपर का है. हमारी बॉलीवुड फिल्मों से ज्यादा का तो शूज का मार्केट है, जो करीब 56 हजार करोड़ का है.

उन्होंने कहा कि हॉलीवुड में एक फिल्म 2000 करोड़ में बनती है और 5000 करोड़ तक कमाती है. ऐसे में उनकी एक फिल्म हमारी पूरी इंडस्ट्री के बराबर है.

‘उत्सव’ थीम पर आयोजन
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 16वां संस्करण 19 से 23 जनवरी तक यह कार्यक्रम चलेगा. इन पांच दिनों में कला, साहित्य संगीत के साथ वैश्विक मुद्दों को लेकर चिंतन और मंथन किया जा रहा है. इस बार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन ‘उत्सव’ थीम पर किया जा रहा है. ऐसे में होटल क्लार्क्स आमेर को राजस्थानी रंगों और कलाकृतियों से सजाया गया है. इसके अलावा जलवायु परिवर्तन, जिओपॉलिटिक्स, रूस-यूक्रेन विवाद, भारत-चीन सम्बन्धों, कृषि और ऊर्जा जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी.

गुरुवार सुबह होटल क्लार्क्स आमेर के फ्रंट लॉन में उद्घाटन सत्र हुआ. इस दौरान पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी मौजूद रहे. उन्होंने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों के बारे में बताया. साथ ही प्रदेश में बनाई गई नई टूरिज्म पॉलिसी और 1000 करोड़ के पर्यटन बजट के बारे में भी जानकारी दी.

16 साल पहले हुई थी शुरुआत, इस बार 350 स्पीकर हिस्सा लेंगे
जेएलएफ के प्रोड्यूसर संजोय रॉय ने कहा कि 16 साल पहले डिग्गी पैलेस के दरबार हॉल से इसकी शुरुआत की गई थी. ये एक यादगार सफर रहा है. इसके माध्यम से दुनिया भर के राइटर्स साहित्यकार एक मंच पर आए. वहीं जेएलएफ की को. डायरेक्टर नमिता गोखले ने कहा ये उत्सव सभी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस फेस्ट में सुन-अनसुने लोगों को मंच मिलता है. 2023 के इस साहित्य के महाकुम्भ में 5 दिन तक अनेक भाषाओं के रंग देखने को मिलेंगे. इस दौरान गुलाबी नगरी में दुनिया की कई प्रतिभाएं शिरकत करेंगी.

फेस्टिवल के 16वें संस्करण में 21 भारतीय और 14 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं से करीब साढ़े तीन सौ स्पीकर आएंगे. स्पीकर्स और पैनलिस्ट्स में ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ के लिए पिछले साल के अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि, बुकर विजेता बर्नार्डिन एवरिस्टो, गुलजार, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, शोभा डे, शबाना आजमी, जावेद अख्तर, शशि थरूर, आंचल मल्होत्रा, अमीष त्रिपाठी, सुधा मूर्ति, अश्विन सांघी, फिल्म निर्माता ओनिर, नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुल रज्जाक गुरनाह और भारतीय खुफिया ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक अमरजीत सिंह दुलत जैसे जाने-माने चेहरे शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: शशि थरूर की यात्रा पर जताई थी आपत्ति, अब पायलट को आलाकमान की हरी झंडी? जानें

    follow on google news
    follow on whatsapp