Kota: कोटा में बेमौसम वर्षा, ओलावृष्टि ने सभी को परेशान कर दिया है. तेज हवाओं के साथ वर्षा होने से किसानों की फसल चौपट हो गई. और बाद में ओलावृष्टि ने कुछ बची हुई फसल को बर्बाद कर दिया, जिससे किसान की साल भर की कमाई पानी में बह गई. किसान बहुत आहत और दुखी हो गया है. किसानों का कहना है कि इस बरसात से पहले तो हमारे घरों की टीन सेट उड़ गई.
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तेज हवाओं के झोंकों की वजह से बड़े-बड़े पेड़ गिर गए और बाद में ओलावृष्टि व बरसात होने की वजह से गेहूं, चना, धनिया सब फसलें बर्बाद हो गई. जब मुआवजे की बात आई तो किसानों का कहना है कि मुआवजे के नाम पर सिर्फ हम से चक्कर कटवाए जाते हैं. बारिश से पहले भी कई बार फसले खराब हुई तब तहसील और जिला स्तर पर जाकर धरना प्रदर्शन दिया लेकिन कोई किसानों की सुनने के लिए तैयार नहीं है.
किसान पूरी मेहनत और जी जान से साल भर खून पसीना बहा कर अपनी पूंजी लगाकर फसल तैयार करता है लेकिन मौसम का कहर ऐसा आता है कि उसकी फसल ले चौपट हो जाती है तो ऐसे में उनको सरकार की तरफ से मुआवजा मुहैया प्राप्त करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. किसानों के मुताबिक सरकार सिर्फ आंकड़ों में मुआवजा मुहैया करवाती है. हम किसानों का कभी भला नहीं हुआ लगातार तीन दिन से बरसात आ रही है, इससे किसानों के साथ आम आदमी का जीवन भी अस्त-व्यस्त सा नजर आ रहा है.
हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने फसले खराब होने के बाद दिल्ली से आकर कोटा के किसानों की फसलों का जायजा लिया और यह आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द जिन किसानों का जितना नुकसान हुआ है उसका मुआवजा मुहैया करवाना पड़ेगा. इसके लिए मुझे जो भी कदम उठाने पड़ेंगे वह मैं उठा लूंगा लेकिन किसानों को उनकी खराब फसलों का मुआवजा दिलवा कर रहूंगा.
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