'किनोवा' से लाखों कमा रहे प्रतापगढ़ के किसान, विदेश में कीमत 50 हजार से 1 लाख रुपए प्रति क्विंटल

Sanjay Jain

14 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 14 2024 3:33 PM)

Pratapgarh: दक्षिण अमेरिका की प्रमुख फसल 'किनोवा' की खेती पिछले कुछ वर्षों से प्रतापगढ़ जिले में भी की जाने लगी है. जिले के कई किसानों ने इस वर्ष भी खेतों में कुछ क्षेत्र में इसकी बुवाई की है.

'किनोवा' से लाखों कमा रहे प्रतापगढ़ के किसान, विदेश में कीमत 50 हजार से 1 लाख रुपए प्रति क्विंटल

'किनोवा' से लाखों कमा रहे प्रतापगढ़ के किसान, विदेश में कीमत 50 हजार से 1 लाख रुपए प्रति क्विंटल

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Pratapgarh: दक्षिण अमेरिका की प्रमुख फसल 'किनोवा' की खेती पिछले कुछ वर्षों से प्रतापगढ़ जिले में भी की जाने लगी है. जिले के कई किसानों ने इस वर्ष भी खेतों में कुछ क्षेत्र में इसकी बुवाई की है. इन दिनों फसल की कटाई के साथ थ्रेसिंग की जा रही है. हालांकि इस फसल की खेती कम खर्चीली है, जिससे किसानों का रुझान अब किनोवा की खेती की तरफ बढ़ रहा है. जिले अधिकांश गांवों में किसानों ने इस वर्ष किनोवा की फसल बुवाई की है.

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सामान्यत किनोवा ग्रीष्म ऋतु की फसल है लेकिन जिले में इसे सर्दी में बुवाई अधिक की जाने लगाी हे. अधिक पैदावार के लिए रात में सर्दी व दिन में अधिक तापमान की आवश्यकता होती है. इस फसल में विशेष देखरेख की जरूरत नहीं होती है. सामान्य फसल की तरह हैं. इसमें सूखा, पाला सहन करने की क्षमता होती है. इसके पौधे में कीट और रोग का हमला सहन करने की क्षमता होती है. परम्परागत फसलों से अधिक आय प्राप्त की जा सकती है.

किनोवा को कहा जाता है सुपर फूड

किनोवा को विदेश में सुपर फूड कहा जाता है. इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक रहती है. इसके दाने में कैल्शियम और लोहे जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं. इसके पत्ते भी सब्जी के रूप में भी उपयोग लेते है. पत्तियों में भी पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी व ई पाई जाती है. किनवा में गेहूं से लगभग डेढ़ गुणा अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है.

चावल की तरह खाया जाता है
 

किनोवा को चावल की भांति उबालकर खाया जा सकता है. दाने से आटा व दलिया बनाया जाता है. सूप, पूरी, खीर, लड्डू तथा मीठे व नमकीन व्यंजन बनाए जाते है. इसमें गेहूं व मक्का का आटा मिलाकर ब्रेड, बिस्किट, पास्ता आदि बनाए जा सकते हैं. इस दाने के निरंतर प्रयोग से भारत में कुपोषण की समस्या से निजात मिल सकती है. यह शुगर के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है.

विदेशी में कीमत 1 लाख तक

किसानों के अनुसार किनवा की फसल प्रति बीघा 4 से सात क्विंटल तक हो जाती है. अरनोद के किसान भंवरलाल कुमावत ने बताया कि उन्होंने पांच बीघा में फसल पहली बार बोई है. इसकी कटाई चल रही है. वहीं  कि फसल की थ्रेसिंग की गई है. इसमें 6 किवंटल तक औसत रही।.अभी किनवा का बाजार भाव साढ़े तीन से चार हजार रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं.
 

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