एसीबी के फरमान पर हनुमान बेनीवाल बरसे- भ्रष्ट अफसरों को बचाने का तुगलकी फरमान हो रद्द

राजस्थान तक

• 09:05 AM • 06 Jan 2023

Jaipur News: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने एसीबी पर हमला बोला. एसीबी के कार्यवाहक डीजीपी की ओर से फरमान पर बेनीवाल ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि एक तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की बात करते हैं. दूसरी तरफ राजस्थान में एसीबी के […]

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Jaipur News: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने एसीबी पर हमला बोला. एसीबी के कार्यवाहक डीजीपी की ओर से फरमान पर बेनीवाल ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि एक तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की बात करते हैं. दूसरी तरफ राजस्थान में एसीबी के कार्यवाहक डीजी ने भ्रष्टाचार में लिप्त चेहरों को बचाने के लिए आदेश निकाला. उन्होंने कहा कि यह आदेश बेतुका है.

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बेनीवाल ने कहा कि मंत्री खुद कह रहे हैं कि ऐसे आदेशों से शायद मुख्यमंत्री भी सहमत नही होंगे. सरकार के मंत्री का बयान सरकार की मंशा और सोच को दिखाता है. ऐसे में या तो मंत्री बेतुके बयान दे रहे हैं या मंत्री खुद यह बात स्वीकार कर रहे है कि राजस्थान में ब्यूरोक्रेट्स और अन्य अधिकारी ही सत्ता चला रहे है. वो चुनी हुई सरकार से ऊपर है. सांसद ने कहा कि तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार में हुए बहुचर्चित एकल पट्‌टा जारी करने के मामले में मंत्री शांति धारीवाल पर आरोप लगे.

खुद सीएम गहलोत और फिर वसुंधरा ने अपने शासन काल में जिस तरह मंत्री धारीवाल को बचाया. उससे भाजपा व कांग्रेस दोनो की नीयत जनता के सामने स्पष्ट हो गई. सांसद ने कहा कि राजस्थान में भ्रष्टाचार पहले से ही चरम पर था लेकिन बुधवार को आदेश निकाला बड़ा ही शर्मनाक है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इस अधिकारी ने नया आदेश किसके कहने पर निकाला है? विभाग का मंत्री कौन है? यह जनता अच्छी तरह जानती है. क्या मुख्यमंत्री राजस्थान को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाना चाहते हैं?

सांसद ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार में लिप्त चेहरों को बचाने के लिए और प्रेस की स्वतंत्रता पर लगाम लगाने के लिए काला कानून लेकर आई थी. उसे भी उस सरकार को मीडिया और जनता के दबाव में वापिस लेना पड़ा. ऐसे में एसीबी इस तरह के आदेश लाकर प्रेस की स्वतंत्रता पर लगाम लगाना चाहती है जिसे बर्दाश्त नही किया जाएगा.

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