ऊंट की कमी के चलते बढ़ी चिंता, आखिर बीएसएफ के लिए ऊंट क्यों है जरूरी? जानें

विमल भाटिया

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Jaisalmer News: राजस्थान से लगती अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर बॉर्डर गार्डिंग के लिए बीएसएफ की ओर से नए ऊंट खरीदने खरीदे जाएंगे. रेगिस्तानी जहाज कहे जाने वाले ऊंट की कमी को देखते हुए बीएसएफ के डीजी पीके सिंह ने नए उंट खरीदने के दिशानिर्देश दिए है. नए ऊंट खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसी कड़ी में बीकानेर सेक्टर के डीआईजी पुष्पेन्द्रसिंह राठौड़ जैसलमेर पहुंचे और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर खरीददारी की प्रक्रिया को पूरी की जा रही है.

पिछले दिनों जैसलमेर में बीएसएफ के सम डेजर्ट पार्क का उद्घाटन करने पहुंचे डायरेक्टर जनरल पंकज कुमार सिंह ने इसकी जानकारी भी दी थी. बीकानेर सेक्टर के डीआईजी पुष्पेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि राजस्थान में कुल 177 ऊंट खरीदे जाएंगे. जैसलमेरी नस्ल के ऊंट काफी बढ़िया माने जाते हैं. डाॅक्टर और विशेषज्ञ की टीम के साथ पहुंचे है. जैसलमेर में 50 और बाड़मेर में 50 ऊंट खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पहले फेज में जोधपुर के भीखमपुर क्षेत्र से 38 ऊंट खरीदे गए हैं.

बीएसएफ के लिए रेगिस्तान में क्यों जरूरी है ऊंट
दरअसल, थार के मरुस्थल की पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा में कई रेगिस्तानी इलाकों में बॉर्डर गार्डिंग ऊंट के जरिए होती है. हालांकि सीमा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछा हुआ है. बावजूद इसके कई रेगिस्तानी इलाकों में ऊंटों के जरिए ही पहुंचा जा सकता हैं और बॉर्डर गार्डिंग के लिए ऊंटों का इस्तेमाल किया जाता है. ऊंटों की लगातार घट रही संख्या को देखते हुए बीएसएफ को बड़ी मुश्किल से नए ऊंट मिल पा रहे है. पिछले कुछ समय में करीब 50 ऊंट भी नहीं खरीदे जा सके है. जबकि बीएसएफ में 300 से ज्यादा ऊंटों की कमी देखी जा रही है. इस कमी को गंभीरता से लेते हुए बीएसएफ डीजी ने दिशानिर्देश दिए है.

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