इस कानून की मांग को लेकर कल से शुरू होगा आंदोलन, 500 से अधिक ट्रैक्टरों के साथ जयपुर कूच करेंगे किसान
Farmers movement In Rajasthan: न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून के लिए राजस्थान के किसानों ने कमर कस ली है.
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Farmers Movement in Rajasthan: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की गारंटी के कानून के लिए राजस्थान (rajasthan kisan andolan) के किसानों ने भी कमर कस ली है. इसके लिए 500 से अधिक ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसान सोमवार को दिल्ली कूच करेंगे. वे अजमेर और दूदू से होते हुए सोमवार सुबह 10 बजे जयपुर की ओर बढ़ेंगे. इसके लिए जागरूक किसान प्रतिनिधियों ने घर-घर पहुंच कर किसानों को पीले चावल भी बांटे हैं. दूसरी तरफ आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने गांवों में पहुंचकर किसानों को डराना-धमकाना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं, किसान प्रतिनिधियों को थानों में बुलाकर भी ट्रैक्टर कूच को रोकने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
किसान नेता रामपाल जाट का कहना है कि सत्य, शांति व अहिंसा के आधार पर होने वाले ट्रैक्टर कूच के आयोजन में सहयोग की विनती की गई है. इसलिए इस प्रकार के शांतिपूर्ण आंदोलनों को दमन के आधार पर रोकना भारतीय संविधान की भावनाओं को आहत करने वाला और लोकतंत्र को कुचलने वाला है.
कानून नहीं बना तो दिल्ली कूच करेंगे किसान
बता दें कि किसानों का यह कूच अजमेर और दूदू जिले की सीमा से लगे राष्ट्रीय राजमार्ग से जयपुर तक पहुंचेगा. सरकार ने फसलों के दाम के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून नहीं बनाया तो यह कूच दिल्ली की ओर बढ़ेगा. किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि आंदोलन को सरकार ने दबाने या कुचलने का तानाशाही ढंग से प्रयास किया तो राजस्थान के 45 हजार गांवों को बंद करने का आह्वान किया जायेगा. इस अवसर पर किसान अपने गांव में ही रहेंगे और आपातकालीन स्थिति को छोड़कर कोई यात्रा नहीं करेगा.
MSP से कम दाम पर बेचनी पड़ रही सरसों
किसानों ने कहा कि अपनी सरसों जैसी उपजें सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों पर बेचने को विवश होना पड़ रहा है. पिछले एक माह से सरसों 650 रुपये से लेकर 1400 रुपए प्रति क्विंटल घाटे में बेचनी पड़ रही है. इसी प्रकार मूंगों में भी दो से ढाई हजार रुपए प्रति क्विंटल का घाटा उठाना पड़ा था. इसलिए देश के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्राप्ति के लिए खरीद की गारंटी का कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.
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