धौलपुर: युवा तहसीलदार ने फांसी लगाकर दी जान, 2 दिन पहले ही आए थे गांव

ललित यादव

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फोटो क्रेडिट : उमेश मिश्रा
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Dholpur News: राजस्थान के धौलपुर जिले में एक युवा आरएएस अधिकारी ने फांसी का फंदा लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली. धौलपुर जिले के बाड़ी सदर थाना इलाके के गांव घड़ी जाखोदा के रहने वाले आरएएस अधिकारी आसाराम गुर्जर ने आज शनिवार को जंगल में पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या की. घटना से परिजनों में हाहाकार मच गया है. पुलिस में आरएएस अधिकारी की डेड बॉडी को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल के शव गृह में रखवा दिया है. परिजनों से तहरीर मिलने के बाद पुलिस मृतक आरएएस अधिकारी के शव का पोस्टमार्टम कराया और मामले में जांच शुरू कर दी हैं.

जानकारी के मुताबिक 35 साल के आसाराम गुर्जर पुत्र दीवान सिंह गुर्जर का हाल ही में करौली जिले के मासलपुर कस्बे में तहसीलदार के पद पर स्थानांतरण हुआ था. तहसीलदार के पद पर पदभार ग्रहण करने के बाद दो दिन पूर्व अपने गांव गढ़ी जखौदा आए थे और आज शनिवार की दोपहर को वह खेतों से होते हुए जंगल की तरफ चले गए. जहां पेड़ की टहनी से गर्दन में फांसी का फंदा लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली. जंगल में पशु चरा रहे किसान ने जैसे ही देखा तो होश उड़ गए.

किसान ने घटना की सूचना परिजनों को दी. आनन-फानन में परिजनों ने मौके पर पहुंचकर आसाराम को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन तब तक उनकी सांसे थम चुकी थी. जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने मेडिकल जांच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया. सूचना पर अस्पताल पहुंची पुलिस ने डेड बॉडी को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया और परिजनों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया.

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मृतक आरएएस अधिकारी आसाराम के तीन और भाई हैं. आसाराम तीसरे नंबर के हैं, इनके दो भाई सरकारी अध्यापक और तीसरा भाई आरएसी में हैं. इनके पिताजी भी सरकारी स्कूल में प्रधानध्यापक हैं. करीब डेढ़ वर्ष पूर्व आसाराम की शादी हुई थी. जिनके एक बेटी भी है.

बता दें कि शुरू से मेहनती रहे आसाराम की वर्ष 2012 में तृतीय श्रेणी अध्यापक पद पर पहली पोस्टिंग हुई और उनका सपना था कि वह आरएएस बन कर लोगों की सेवा करे. वर्ष 2016 में उनका आरएएस में सलेक्शन हो गया. 2019 में धौलपुर जिले के सैपऊ और बसेड़ी में उन्होंने अपनी सेवाएं दी. अपने छोटे से कार्यकाल में आसाराम ने सैपऊ, बसेड़ी, अलवर, नदबई और अब करौली जिले के मासलपुर में सेवाएं दी हैं.

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ लगातार हो रहे ट्रांसफर के चलते आसाराम काफी परेशान और तनाव में थे. क्योंकि अभी हाल ही में करौली जिले के मासलपुर में उन्हें तहसीलदार के पद पर लगाया था और तहसीलदार के पद पर पदभार ग्रहण करने के बाद दो दिन पूर्व अपने गांव गढ़ी जखौदा आए थे. इनके परिवार में तीन भाई और पिताजी सरकारी नौकरी में हैं. परिवाह में कोई भी गृह क्लेश नहीं बताया गया हैं. हालांकि अभी तक आत्महत्या का पुख्ता कारण निकल कर नहीं आया है. आत्महत्या का कारण लगातार हो रहे स्थानांतरण या पारिवारिक रहा, इसका खुलासा पुलिस अनुसंधान के बाद ही पता चल सकेगा.

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कंटेंट: उमेश मिश्रा

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