इस बार क्लीन स्वीप कर पाना बीजेपी के लिए आसान नहीं! कहीं विरोध तो कहीं बगावत, इन 5 सीटों पर फंसी पार्टी

Himanshu Sharma

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भारतीय जनता पार्टी (फाइल फोटो)
भारतीय जनता पार्टी
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राजस्थान में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी (BJP) मिशन-25 का दावा कर रही हैं. सीएम भजनलाल शर्मा और संगठन के मुखिया सीपी जोशी के नेतृत्व में पूरी बीजेपी जुटी हुई हैं. ताकि सभी 25 सीटों पर जीत हासिल कर हैट्रिक लगाए. हालांकि यह इतना आसान भी नहीं है. क्योंकि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election-2024) की सरगर्मी के बीच कलह और गुटबाजी भी लगातार सामने आ रही है. दरअसल, पहले चरण में 12 लोकसभा सीटों पर मतदान है और दूसरे चरण में बची हुई 13 सीटों पर. 

इन 25 में से 5 सीटें ऐसी है, जहां बीजेपी बुरी तरह फंसती नजर आ रही है. चूरु, झुन्झनू, टोंक, कोटा और बाड़मेर पर पार्टी को अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ रहा है.

 

 

चूरू में बगावत, टोंक में दोहरी चुनौती 

क्योंकि चूरू में बीजेपी सांसद राहुल कस्वा का टिकट काटकर देवेंद्र झाझरिया को दिया गया है. टिकट कटने से नाराजगी के चलते पार्टी से बगावत कर चुके कस्वां पूरी तरह से आक्रामक नजर आ रहे हैं. वहीं, टोंक लोकसभा सीट पर भी कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया तीसरी बार मैदान में हैं, लेकिन उनके नाम के ऐलान के बाद टोंक में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं. कार्यकर्ता खुलकर अब सड़कों पर उतरने लगे हैं. दूसरी तरफ, कांग्रेस ने टोंक से सचिन पायलट के करीबी व देवली उनियारा विधायक हरीश मीणा को चुनाव मैदान में उतारा है. पायलट की पकड़ के चलते यहां बीजेपी के लिए दोहरी चुनौती है.

कोटा मं धारीवाल-गुंजल की जोड़ी ने बढ़ाई परेशानी

इधर, कोटा लोकसभा सीट शुरुआत से ही चर्चा में बनी हुई है. वसुंधरा राजे के करीबी बीजेपी नेता प्रहलाद गुंजल अब कांग्रेस के प्रत्याशी हैं. हालांकि शांति धारीवाल के साथ तीखी बहस देखने को भी मिली. बावजूद इसके धारीवाल और गुंजल की जोड़ी के दम पर कांग्रेस ओम बिरला को हराने की तैयारी में लगे हुए हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए यहां जीत पाना आसान नहीं होगा. 

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झुन्झनू लोक सभा सीट का हाल भी कुछ ऐसा ही है. जहां बीजेपी प्रत्याशी शुभ करण चौधरी के खिलाफ सड़कों पर विरोध नजर आ रहा है. इसके अलावा राजस्थान की सबसे हॉट सीट बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर भी सब की निगाहें टिकी हुई हैं. रविंद्र भाटी के चुनाव मैदान में आने के बाद इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है. केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के भरोसे बीजेपी चुनावी मैदान में हैं. आरएलपी से कांग्रेस में शामिल हुए उम्मेदाराम बेनीवाल भी चौधरी की परेशानी बढ़ा सकते हैं.

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