आखिर अपनी ही सरकार पर हमलावर क्यों हो गई हैं दिव्या मदेरणा? ये तक कह गई कि मैं नहीं डूबूंगी

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Rajasthan Assembly election 2023: जोधपुर के ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने वीरांगना के मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा. गहलोत के खास और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ विधानसभा में मोर्चा खोल दिया. दिव्या मदेरणा ने कहा कि उन्होंने सोच लिया हो कि हम तो डूबेंगे सनम पर तुमकों भी साथ लेकर जाएंगे. मैं नहीं डूबूंगी मैं तो पहले भी नहीं थी. मैं तो रंधावा जी को धन्यवाद देना चाहती हूं जो रिट्रैक्ट कराए इस्तीफे. मैं तो उस वक्त भी साथ नहीं थी इनके.

गौरतलब है कि बुधवार को विधायक ने कहा कि 6 महीने बाद चुनाव है और हम ये किस प्रकार की सोशल इंजीनियरिंग कर रहे हैं. दिव्या ने अपनी सरकार में बैठे मंत्री पर पॉलिटिकल रिवेंज का आरोप भी लगाया. ऐसा पहली बार नहीं है जब दिव्या मदेरणा सरकार का विरोध कर रही हैं.

इससे पहले भी वह अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ मुखर नजर आईं. इससे पहले भी राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को आतंकी बताने वाले शांति धारीवाल के बयान की भी निंदा की थी. दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करते हुए कहा था कि हो सकता है कि नौकरी देना उचित न हो, किरोड़ी लाल मीणा की मांग सही ना हो, लेकिन पुलिस ने जिस तरह से उनके साथ बर्ताव किया है, उसे किसी भी रूप में जायज नहीं ठहराया जा सकता है.

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तस्वीरः दिव्या मदेरणा के ट्वीटर से

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल के साथ तस्वीर ने मचा दी थी हलचल
राजस्थान में हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिव्या मदेरणा खासी एक्टिव दिखी. यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ दिव्या मदेरणा की फोटो वायरल भी हुई और विपक्ष के निशाने पर भी रही. यात्रा के दौरान राजस्थान के कई मुद्दों पर राहुल गांधी ने दिव्या मदेरणा से चर्चा भी की. राहुल गांधी की यात्रा के चलते दिव्या मदेरणा ने कांग्रेस आलाकमान को अपनी मौजूदगी का अहसास कराया होगा.

ना गहलोत गुट में ना पायलट के साथ है दिव्या!
वह 25 सिंतबर की घटना के बाद उन्होंने एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने बताया था कि साल 1998 के दौरान मुख्यमंत्री दावेदार परसराम मदेरणा ने खुद को कांग्रेस का अनुशासित सिपाही बताते हुए चुप्पी साध ली थी. ऐसे में मायने यह भी है कि दिव्या मदेरणा बार-बार खुद को कांग्रेस आलाकमान का वफादार बताना चाहती हैं. वह भी ऐसे समय में जब चुनाव जीतने के सालभर के दौरान ही पायलट गुट की बगावत कांग्रेस ने झेली. जबकि चुनाव के महज साल पहले ही 25 सितंबर 2022 की रात गहलोत गुट के विधायकों ने आलाकमान की बैठक का बहिष्कार कर दिया. दोनों गुटों से अलग खुद को आलाकमान की सच्ची सिपाही बताने वाली दिव्या मदेरणा को बड़ा पद मिलने की भी संभावना नजर आती हैं.

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यहां क्लिक करके सुनिए दिव्या कैसे विधानसभा में अपनी ही सरकार पर हुई आक्रामक

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