लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस विधायक ने दिया इस्तीफा, राजस्थान में एक बार फिर से तेज हुई सियासी हलचल!
लोकसभा चुनाव में राजस्थान के नतीजे इस बार कांग्रेस के पक्ष में रहे. भले ही बीजेपी को 14 और कांग्रेस गठबंधन को 11 सीटें मिली हो. लेकिन बीजेपी के नेता इसे हार स्वीकार कर चुके हैं. भजनलाल सरकार में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने तो समीक्षा तक की बात कह दी है. वहीं, कांग्रेस इस जीत के बाद से हावी दिख रही है.
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लोकसभा चुनाव में राजस्थान के नतीजे इस बार कांग्रेस के पक्ष में रहे. भले ही बीजेपी को 14 और कांग्रेस गठबंधन को 11 सीटें मिली हो. लेकिन बीजेपी के नेता इसे हार स्वीकार कर चुके हैं. भजनलाल सरकार में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने तो समीक्षा तक की बात कह दी है. वहीं, कांग्रेस इस जीत के बाद से हावी दिख रही है. टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस (Congress) विधायक हरीश मीणा (Harish Meena) ने इस्तीफा दे दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि वह चुनाव जीतकर टोंक-सवाई माधोपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद बन चुके हैं. ऐसे में नियमानुसार उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. मीणा ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को सौंपा.
बता दें कि टोंक-सवाई माधोपुर से सांसद चुनाव जीतने के साथ मीणा ने लगातार चौथा चुनाव जीता है. मीणा सबसे पहले भाजपा में रहते दौसा से सांसद चुने गए थे. 2018 में उन्होंने बीजेपी को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था. जिसके बाद वे देवली-उनियारा से चुनाव लड विधायक बने.
राजस्थान में सबसे लंबे समय तक डीजीपी रहे हैं मीणा
इस चुनाव में उन्होंने दो बार से भाजपा सांसद सुखबीर सिंह को लगभग 65 हजार वोटों से हराया और लगातार चौथे चुनाव में जीत हासिल की. राजनीति में आने से पहले हरीश चंद्र मीणा राजस्थान पुलिस में अधिकारी रह चुके हैं. महज 21 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईपीएस बने और 38 साल तक उन्होंने सेवा दी. राजस्थान में सबसे लंबे समय तक डीजीपी रहने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम ही दर्ज है.
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उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस की ओर से ये होंगे प्रत्याशी
हरीश चंद्र मीणा द्वारा विधायक पद से त्यागपत्र देने के साथ ही अब देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है. उपचुनाव की तारीख भले ही बाद में तय होगी, लेकिन अब दोनों ही प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस चुनाव परिणाम के बाद से ही प्रत्याशियों के चयन की चर्चा तेज हो जाएगी. कांग्रेस एक बार फिर से किसी मीणा समाज के व्यक्ति को मैदान में उतार सकती है. हांलांकि सोशल मीडिया पर पूर्व विधायक धीरज गुर्जर का नाम भी चर्चा में है. धीरज गुर्जर का ससुराल इसी विधानसभा क्षेत्र के दूनी कस्बे में है.
बीजेपी की ओर से विजय बैसला, पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर, पूर्व विधायक डॉ. अलका सिंह या फिर हाल ही में लोकसभा चुनाव में हार चुके सुखबीर सिंह जौनापुरिया के बेटे अशोक जौनापुरिया के नाम पर चर्चा संभवन है.
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