Barmer News: ग्रामीण इलाके में 3 साल की मासूम को आग से बचाने के लिए एक गर्भवती ने अपनी जान दे दी. वहीं, मासूम आग की चपेट में आने से बच गई. जिले के सीमावर्ती इलाके में गांव में झोपड़ी में अचानक लग गई. जब आप आग लगी, तो उस समय गर्भवती महिला और उसकी 3 साल की बच्ची झोपड़ी में ही थी.
इस दौरान महिला ने अपनी जान की परवाह किए बिना 3 साल की मासूम बेटी को मौत के मुंह से बाहर निकाल दिया. उसके बाद फिर अपना कीमती सामान अंदर लेने गई तो इसी दौरान ऊपर से छत गिर गई. देखते ही देखते महिला आग में 70 से 80 फीसदी झुलस गई. इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई.
जानकारी के अनुसार सेड़वा थाना क्षेत्र के शोभाला दर्शन गांव में सोमवार सुबह आग लगी. महिला कुछ देर पहले ही उसने अपने पति के लिए चाय बनाई थी. पति को चाय देने के बाद महिला वापस अपनी बेटी के साथ जाकर सो गई थी. इसके कुछ ही देर बाद अचानक ही आग लग गई. तुरंत ही महिला अपनी 3 वर्षीय बेटी को लेकर बाहर भाग. मासूम तो बच गई. लेकिन महिला जब घरेलू सामान को अंदल लेने भागी तो वह आग की चपेट में आ गई.
यह भी पढ़े: 100 लग्जरी कार चुराने वाले गिरोह का खुलासा, महज 5 मिनट में ऐसे चुराते थे, जानें
ग्रामीणों ने आग बुझाने का किया प्रयास, प्रशासन पहुंचा मौके पर
आगजनी की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे. लोगों ने आग बुझाने के प्रयास किए. हादसे में गंभीर घायल महिला को सेड़वा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां से उसे सांचौर के लिए रेफर कर दिया गया. लेकिन बीच रास्ते में ही महिला की मौत हो गई. अधिकारियों ने घटना पर दुख जाहिर किया और सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. बाड़मेर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुरेंद्र पुरोहित के मुताबिक संभावना है कि लालटेन की वजह से आगजनी की घटना हुई हो.
1 Comment
Comments are closed.