Rajasthan Weather: इस बार सूखी रही सर्दी, बदल घिरे पर नहीं गिरी मावठ, फसलों के लिए वरदान बनी ठंड

राजस्थान तक

ADVERTISEMENT

Rajasthantak
social share
google news

Rajasthan weather update: सर्दी के इस सीजन में राजस्थान में भले ही ठंड ने देर से दस्तक दी हो पर ये फसलों के नुकसानदायक नहीं बल्कि फायदेमंद साबित हुई है. इस बार की सर्दी गत वर्षों के मुकाबले ज्यादा भी नहीं रही है. मौसम विभाग के मुताबिक अभी राजस्थान दो कोल्ड वेब झेल चुका है. तीसरे की आहट 12 दिसंबर से होगी जो 21-22 दिसंबर तक चलेगी. इस दौरान राजस्थान के कई जिले एक बार फिर कोहरे में लिपटेंगे. इसके बाद पारा चढ़ना शुरू हो जाएगा. इस बार की सर्दी की एक और खास बात ये रही है कि ये ड्राई रही और आगे भी ऐसे ही रहने की संभावना है.

मौसम विभाग जयपुर के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा ने बताया कि लगभग हर साल सर्दी में मावठ होती है. ऐसे में ठंड के साथ नमी भी होती है, जिससे सर्दी ज्यादा महसूस होती है. वहीं इस बार की सर्दी ड्रॉई रही है. प्रदेश के कई जिलों में आसमान में भले ही बादल नजर आ रहे हों पर बारिश होने की संभावना बहुत ही कम है.

राधेश्याम शर्मा ने राजस्थान तक से बताया कि इस बार 15 दिसंबर के बाद से ही राजस्थान में ठंड की शुरुआत हुई है. पिछले सालों से तुलना करें तो प्रदेश के मौसम में साल दर साल बदलाव (वेरिएशन) होता है. जैसे पिछले साल विंटर का जो लास्ट फेज था, उसमें थोड़ी कम ठंड हो गई थी. यानी जो समर सीजन था, वो मार्च में ही शुरू हो गया था. कभी-कभी कुछ साल ऐसे भी रहे हैं, जब ठंड के महीने लॉन्ग ड्यूरेशन के रहे हैं. इसलिए साल दर साल तापमान में बदलाव होता है. इस बार भी असामान्य जैसा इस बार कुछ नहीं है, बस ठंड थोड़े लेट शुरू हुई है.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

दो शीत लहर आ चकीं, तीसरी का इंतजार
मौसम विभाग के अनुसार इस सीजन में अब तक दो कोल्ड वेव मतलब शीतलहर के दौर आ चुके हैं. दूसरा कोल्ड वेव का दौर पिछले सप्ताह ही दर्ज हुआ था. लगभग 8-9 जनवरी तक ज्यादातर इलाकों में शीतलहर खत्म हो गई है. अब एक और शीतलहर 13 से 14 जनवरी को शुरू होगी. जिससे एक बार फिर शीतलहर का सामना करना पड़ेगा. यह तीसरा कोल्ड वेव 6 से 7 दिन यानी 21 से 22 जनवरी तक रहने की संभावना है.

अब आगे कैसा रहेगा मौसम
13 जनवरी से एक बार फिर तापमान में गिरावट होगी. रात के साथ-साथ दिन के टेंपरेचर में भी गिरावट होगी. वहीं 14 जनवरी से तीसरा कोल्ड वेव शुरू होगा. जो छ: से सात दिनों यानी 21-22 जनवरी तक रहेगा. जिससे एक बार फिर शीतलहर की संभावना है. यदि इस विंटर कि खासियत की बात करें तो विंटर में तापमान लगभग नॉर्मल टेंपरेचर है. लेकिन वर्षा के रूप में देखे तो इस विंटर में कोई विशेष मावठ दर्ज नहीं हुई है. कोई विशेष पश्चिमी विक्षोभ दर्ज नहीं हुए हैं. सीजन में अभी तक कोई रेनफॉल रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है ओर कोल्ड है जो लगभग नॉर्मल है.

ADVERTISEMENT

तस्वीरों में देखिए इस बार राजस्थान में कैसी रही सर्दी

ADVERTISEMENT

खेती के लिए कितना अनुकुल रहा मौसम
एग्रीकल्चर में तापमान बहुत महत्वपूर्ण होता है. रबी के सीजन के लिए कम तापमान की जरुरत होती है. चाहे चना, सरसों या गेहूं इनमें पर्याप्त ठंड रहने से प्रोडक्टिविटी (उत्पादकता) बढ़ती है. इस बार रबी सीजन के अनुसार मौसम रहा है. हालांकि कुछ इलाकों पाला गिरने से नुकसान हुआ है. लेकिन ये कुछ इलाकों में ही देखा गया है. ओवर ऑल देखा जाए तो इस बार दो कोल्ड वेव आए हैं, जो रबी की फसल के लिए काफी फायदेमंद हैं. वहीं उत्तरी राजस्थान के ज्यादातर भागों में शीतलहर के साथ साथ घना कोहरा भी रहा. उससे भी रबी कि फसलों को फायदा हुआ है. क्योंकि बारिश भले ही नहीं हुई हो, लेकिन लगातार कोहरा रहने से मिट्टी (सॉइल) में नमी बढ़ती है ओर नमी से पानी की सप्लाई बढ़ती है.

तस्वीर: विजय चौहान


मावठ नहीं होने रहा ड्राई रहा विंटर
सामान्यतया राजस्थान में दिसंबर, जनवरी ओर फरवरी के महीनों में तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित करते हैं. साथ ही एक-दो ऐसे पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) होते हैं जो पश्चिमी उत्तरी राजस्थान में हल्की बारिश देते हैं. इस सीजन में विशेष विशेष पश्चिमी विक्षोभ (सक्रिय वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) नहीं आने से बारिश की भी एंट्री नहीं हुई. ऐसे में ठंड का प्रभाव ज्यादा नहीं दिखा. अभी तक जो भी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस हैं वो कमजोर रहे हैं. जिनसे तापमान में ही उतार चढ़ाव देखने को मिलता है. इस कारण बारिश नहीं हुई जिससे इस बार विंटर ड्राई रहा है.

इन इलाकों के तापमान ने चौंकाया
सीजन में हिल स्टेशन माउंट आबू में ऊंचाई के कारण तापमान माइनस में जाना और बर्फ जमना सामान्य है. लेकिन राजस्थान के कुछ मैदानी इलाकों में तापमान माइनस में जाना और ओस जमना सोचने वाली बात है. इस बार सीकर के फतेहपुर, जयपुर से सटे हुए जोबनेर, चूरू और जोधपुर के फलोदी में कड़ाके ठंड पड़ी है. इस बार इन इन इलाकों में बर्फ देखी गई. बता दें इन्हीं इलाकों में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी भी पड़ती है.

तस्वीर: राजस्थान तक

 

नॉलेज पैक

इस वजह से सर्दियों में गिरती है बारिश
सूर्य जब उत्तर से दक्षिण ध्रुव में जाता है तो भारत में हवा में बदलाव होता है. ये हवाएं उत्तरी से दक्षिण-पूर्वी और पश्चिम से दक्षिण-पूर्वी दिशाओं में चलने लगती हैं. कहीं भी हवाओं में डिस्टर्बेंस होता है तो वहां से बादल बनने लगते हैं और ये धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए भारत के उत्तरी हिस्सों में हिमालय की पहाड़ियों से आकर टकराते हैं, जहां ये बर्फबारी और बारिश करते हैं. ये हवाएं भू-मध्य सागर से अपने साथ नमी (मोइश्चर) लाती है, और नमी के कारण ही मावठ और ठंड का असर होता है.

इसलिए पड़ती है यहां इतनी ठंड
सर्दी के मौसम में राजस्थान में हिमालय से उठने वाली सर्द हवाओं के साथ स्थानीय वातावरण मिला है. जो यहां मैदानी क्षेत्रों में ठंड बढ़ा देते हैं. इसके अलावा सूर्य की सीधी किरणें जो जुलाई-अगस्त-सितंबर में मध्य भारत पर पड़ती हैं, वह विंटर सीजन में धीरे-धीरे दक्षिण दिशा में शिफ्ट होने लगती हैं, जिसके कारण गर्मी कम होने लगती है और ठंडक बढ़ जाती है. इसका सबसे ज्यादा असर मैदानी इलाकों में होता है.

यह भी पढ़ें: Rajasthan Weather: प्रदेश में ठंड का कहर जारी, चूरू में तापमान पहुंचा माइनस 0.5 डिग्री

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT