भीलवाड़ा मिर्च मंड़ी में लाल मिर्च के भाव हुए ‘लाल’, एक महीने में दोगुने हुए रेट

ललित यादव

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फोटो: प्रमोद तिवारी
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Bhilwara News: मौसम की मार ने अब लाल मिर्ची को और तीखा बना दिया है. यूं तो सब्जी के जायके को बढ़ाने के लिए लाल मिर्ची का तड़का लगाया जाता है. ग्रहणी की रसोई की आवश्यक सामग्री में शुमार लाल मिर्ची के भाव पिछले 1 महीने में बढ़कर 2 गुना हो गए हैं. मध्य प्रदेश और गुजरात में मिर्ची का उत्पादन घटने का असर अब राजस्थान के भीलवाड़ा की मिर्ची मंडी में साफ़ देखने को मिल रहा है.

भीलवाड़ा मिर्ची मंडी में 1 महीने पहले सूखी लाल मिर्च जहां थोक में ₹130 प्रति किलो बिकती थी. अब इसका थोक भाव ₹300 से अधिक हो गया है. इसका खुदरा मूल्य तो 400 से ₹500 प्रति किलो तक पहुँच गया है. इस कारण मिर्च व्यापारियों ने अपना व्यापार सीमित करते हुए मिर्ची की खरीद कम कर दी है. अब लाल मिर्च के भाव आसमान छू रहे हैं इसका सीधा असर हर घर की रसोई पर पड़ रहा है. जो मिर्ची 150 रुपये प्रति किलो मिलती थी आज वही मिर्ची 400 रुपये से अधिक प्रति किलो मिर्ची मंडी में मिल रही है.

गुजरात और मध्य प्रदेश में मौसम की मार से खराब हुई मिर्ची की फसल का असर मिर्ची के थोक व्यापार के साथ साथ खुदरा बाजार पर भी पड़ा है. खुदरा बाजार में पहले अच्छी क्वालिटी की ठंडी मिर्च जो 200 से ₹250 प्रति किलो तक मिल जाती थी. अब इसका भाव 400 से ₹500 प्रति किलो तक पहुंच गया है.मिर्च मंडी के थोक व्यापारी महेश जागेटिया का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल मिर्च के भाव दोगुने हो गए हैं. राजस्थान में जिस मिर्च को बहुत पसंद किया जाता था, मगर इस बार मध्य प्रदेश में मिर्ची की 20% ही पैदावार हुई है. धामोर, बेहरिया, इंदौर, मनावा सहित कई क्षेत्रों में बारिश ज्यादा होने से फसल खराब हो गई है और मिर्ची के भावों में तेजी देखने को मिल रही है.

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100-150 प्रति किलो बिकने वाली मिर्ची अभी 400 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रही है. इसके बावजूद भी ग्राहकों को जो क्वालिटी चाहिए, वह नहीं मिल पा रही है. अक्सर इस समय मिर्ची के भावों में गिरावट आ जाती है, मगर अब इसके उल्टे और भाव बढ़ गए है और व्यापार मंदा हो गया. भीलवाड़ा मिर्ची मंडी में अब तक के इतिहास में सबसे महंगी मिर्च बिक रही है.व्यापारियों की मानें तो भीलवाड़ा मिर्ची मंडी में मध्यप्रदेश और गुजरात से आने वाली देसी और मध्यम क्वालिटी की ठंडी लाल मिर्च की मांग ज्यादा रहती है. तीखी लाल मिर्च की भीलवाड़ा की मंडी में मांग कम रहती है. गुजरात से नई फसल आने के बाद ही लाल मिर्ची के दाम गिरने की संभावना है.

मध्यप्रदेश के रतलाम के किसान कानाराम गुर्जर ने कहा कि मिर्ची की फसल खराब होने के कारण भाव नहीं मिल रहा है. बेमौसम की बरसात और वायरस रोग के कारण हमारी फसल खराब हो गई. मिर्ची की भरपूर फसल नहीं ले पाए. अभी हमें क्वालिटी के हिसाब से 150 से ₹300 प्रति किलो का भाव मिल रहा है.

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कंटेंट: प्रमोद तिवारी

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