जोधपुर में अनोखा विवाह: पीपल के पेड़ की ठाकुर जी से शादी, सभी रिश्तेदार भी पहुंचे, बारात का हुआ स्वागत

Ashok Sharma

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जोधपुर में अनोखा विवाह: पीपल के पेड़ की ठाकुर जी से शादी, सभी रिश्तेदार भी पहुंचे, बारात का हुआ स्वागत
जोधपुर में अनोखा विवाह: पीपल के पेड़ की ठाकुर जी से शादी, सभी रिश्तेदार भी पहुंचे, बारात का हुआ स्वागत
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Jodhpur: जोधपुर जिले में एक बड़ा रोचक मामला सामने आया है, जहां पीपल के पेड़ की धूमधाम से शादी करवाई गई है. जोधपुर के केतु गांव में एक पीपल के पेड़ की शादी हुई है. इस शादी में लोगों ने खूब एंजॉय किया है. कुलरिया परिवार ने पीपल की शादी गांव के ही ठाकुर जी से संपन्न करवाई है.

इसके पीछे कारण और कहानी कुछ अलग ही है, केतु गांव के लालाराम कुलरिया परिवार की ओर से पीपल के पेड़ की शादी करवाई गई है. खास बात यह है कि समारोह में शामिल होने के लिए हैदराबाद से भी रिश्तेदार पहुंचे हैं.

जोधपुर में अनोखी शादी चर्चाओं में

जोधपुर के सरस्वती नगर में एक परिवार 2017 से रह रहा है. उनके गांव में गमले के अंदर पीपल और पिपली उग आए. कुछ समय बाद पौधे बड़े हुए तो परिवार वाले परेशान हो गए. क्योंकि घर में पीपल का पेड़ होना अच्छा नहीं माना जाता इसलिए हटा भी नहीं सकते थे. इसी को लेकर उनके मन में विचार आया कि क्यों नहीं पीपल की शादी करा दी जाए.

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इसके बाद पूरा परिवार जुट गया. परिवार के सदस्यों ने पीपल की शादी करवाई. इस शादी में तकरीबन 500 से अधिक लोग शामिल हुए. कुलरिया परिवार को इस शादी आइडिया गांव वालों ने ही दिया था. जिसके बाद पीपल की शादी बेटी की तरह करने का निर्णय लिया. अब शनिवार को पिपली को विदाई दी जाएगी.

शादी के लिए हुआ कुंडली मिलान

इस शादी के लिए पंडित से कुंडली भी मिलवाई गई और गांव से 3 किलोमीटर दूर बने मंदिर में ठाकुर जी से शादी हुई. गांव के पंडित का कहना है कि कुंडली मिलान कर शादी के लिए हमने बुद्ध पूर्णिमा का दिन तय किया कि शादी में लालाराम व उसकी पत्नी ने कन्यादान की रस्में निभाई. वहीं शनिवार को तकरीबन 500 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई है. बकायदा शादी के लिए शादी के कार्ड भी छुपाए गए और अपने रिश्तेदारों को भी निमंत्रण दिया गया.

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500 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी

शादी को लेकर महिलाओं ने मंगल गीत गाए और पीपल के पेड़ पर हल्दी लगाकर हल्दी की रस्म अदा की गई. वहीं घर के पास ही शादी का मंडप तैयार किया गया. जहां पर ठाकुर जी के फेरे करवाए गए. और शादी में आने वाले लोगों के लिए बारात स्वागत के दौरान लापसी, दाल, सब्जी और पूड़ी परोसी गई. वहीं शनिवार सुबह के लिए हलवा, चक्की, पूरी-गट्टे की सब्जी परोसी जाएगी. शुक्रवार शाम बारातियों के लिए खाना रखा गया है तो वहीं शनिवार सुबह पूरे गांव के लोगों को निमंत्रण दिया गया है. वहीं कुलरिया परिवार के लोगों ने बताया कि हमारे धर्म में पेड़ पौधों को विशेष महत्व दिया गया है. लालाराम गुलरिया के तीन बेटे हैं.

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