Rajasthan: राजस्थान में शराब तस्कर अवैध शराब की तस्करी के लिए अलग -अलग तरीके के हथकंडे अपनाते नजर आ रहे है. बाड़मेर आबकारी पुलिस ने एक ट्रेलर से 45 लाख की अवैध शराब पकड़कर तस्करों के ऐसे ही एक नए हथकंडे का खुलासा किया है. शराब तस्करों ने आबकारी की नाकाबंदी को तोड़कर भागने का प्रयास किया. हालांकि, आबकारी की टीम ने पीछा कर ट्रेलर को पकड़ लिया. लेकिन, तस्कर भागने में कामयाब रहे. घटना राजस्थान के बाड़मेर जिले के नेशनल हाईवे 68 हाथीतला टोल प्लाजा की है.
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ट्रेलर में मुल्तानी मिट्टी से भरे प्लास्टिक के कट्टों के नीचे लोहे के बॉक्स में अवैध शराब परिवहन की जा रही थी. आबकारी विभाग ने आबकारी अधिनियम के तहत ट्रेलर मालिक के खिलाफ मामला दर्ज की उसकी तलाश शुरू कर दी है.
सूचना पर की गई थी नाकाबंदी
बाड़मेर आबकारी विभाग को सूचना मिली थी कि शराब से भरा ट्रेलर पंजाब से बाड़मेर होकर गुजरात की तरफ जा रहा है. इस पर आबकारी टीम ने नेशनल हाईवे 68 पर हाथीतला टोल प्लाजा पर नाकाबंदी की. दूसरी छोर से आते हुए ट्रेलर ने टीम को देखकर नाकाबंदी तोड़कर भागने का प्रयास किया. आबकारी टीम ने ट्रेलर का पीछा किया. इस दौरान ट्रेलर ड्राइवर ट्रेलर को छोड़कर झाड़ियों में भाग गया. टीम ने ड्राइवर का पीछा भी किया. लेकिन, ड्राइवर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहा.
लोहे के बॉक्स में 500 कार्टून अवैध शराब
आबकारी सीआई भंवरलाल के मुताबिक टीम ने ट्रेलर की तलाशी ली तो ट्रेलर में मुल्तानी मिट्टी से भरे प्लास्टिक के कट्टे पाए गए. प्लास्टिक के कट्टे हटाए तो ट्रेलर में लोहे के बॉक्स मिले. जिसमें पंजाब निर्मित अंग्रेजी शराब पाई गई. ट्रेलर को जब्त कर आबकारी कार्यालय लाया गया. जहां शराब की गणना की गई तो कुल अंग्रेजी शराब के 500 कार्टून मिले. शराब की अनुमानित कीमत करीब 45 लाख रुपए है.
ट्रेलर मालिक की तलाश जारी
आबकारी सीआई ने बताया कि ट्रेलर की केबिन में मिले आरसी और अन्य दस्तावेज के आधार पर ट्रेलर मालिक की पहचान भैराराम पुत्र मंगलाराम निवासी निवासी एड सिणधरी जिला बाड़मेर के रूप में हुई है. आबकारी ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है.
पकड़े जाने के डर से तस्करों ने रूट बदला
आबकारी के मुताबिक अमूमन तौर पर शराब तस्कर मेगा हाईवे का रूट सुरक्षित मानते थे. लेकिन, लगातार कार्यवाई के चलते अब तस्करों ने नेशनल हाईवे 68 को चुन लिया है. अब तस्कर बाड़मेर जिले के शिव से होकर जिला मुख्यालय बाड़मेर, धोरीमन्ना होते हुए गुजरात पहुंचते हैं. यह शराब भी पंजाब से गुजरात सप्लाई होनी थी.
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