करौली: कई आरोप लगाकर भाजपा की प्रधान को किया निलंबित, गरमायी स्थानीय राजनीति

Gopal Lal

• 03:39 AM • 05 Jan 2023

Karauli News: करौली जिले के सपोटरा (Sapotara) में भाजपा की प्रधान कमली देवी मीणा को राजस्थान सरकार ने 15वें वित्त आयोग की राशि समय पर खर्च नहीं करने, अपने कर्तव्य निर्वहन में असफल रहने और समय पर कार्य भुगतान नहीं करने को लेकर निलंबित कर दिया है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महावीर नायक […]

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Karauli News: करौली जिले के सपोटरा (Sapotara) में भाजपा की प्रधान कमली देवी मीणा को राजस्थान सरकार ने 15वें वित्त आयोग की राशि समय पर खर्च नहीं करने, अपने कर्तव्य निर्वहन में असफल रहने और समय पर कार्य भुगतान नहीं करने को लेकर निलंबित कर दिया है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महावीर नायक ने उप प्रधान कमलेश देवी को पंचायत समिति का प्रधान का कार्यभार सौंप दिया है.

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अचानक देर शाम हुए घटनाक्रम में क्षेत्र में एक बार फिर चर्चा गरम हो गई है क्योंकि सपोटरा विधानसभा से ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा आते हैं और राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने सपोटरा प्रधान के चुनाव के दौरान बड़ा उलटफेर कर यहां भाजपा की प्रधान बनाने में सफल रहे थे. तभी से भाजपा प्रधान कमली देवी कभी साधारण सभा की बैठक को लेकर कभी विकास कार्यों के लिए राशि को लेकर मुख्य कार्यकारी अधिकारी से लेकर जिला कलेक्टर, पंचायती राज विभाग जयपुर तक दर-दर भटकती रही, आरोप है कि उन्हें सरकारी अधिकारियों द्वारा काम करने में सहयोग नहीं मिला. कमली देवी के समर्थकों का आरोप है कि यह राजनीतिक वर्चस्व की कहानी है.

जिला परिषद करौली के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महावीर प्रसाद नायक ने बताया कि सपोटरा प्रधान कमली देवी के द्वारा कर्तव्य निर्वहन में असफल रहने, राज्य वित्त आयोग की राशि को खर्च नहीं करने, पंचायत द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान समय पर नहीं करने को लेकर जांच पेंडिंग चल रही थी, जिसको लेकर राज्य सरकार के आदेश की पालना में उन्हें निलंबित कर उनके स्थान पर उप प्रधान कमली देवी को पंचायत समिति सपोटरा का चार्ज दिया गया है.

सपोटरा पंचायत समिति में भाजपा प्रधान कमली देवी पर राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 नियम 22(2) के अन्तर्गत आरोपित किया है कि प्रधान कमली देवी के द्वारा पन्द्रहवां वित्त आयोग के अन्तर्गत पंचायत समिति सपोटरा को प्राप्त अंश की राशि मे से पंचायत समिति द्वारा 13 कार्यो की 49.40 लाए रूपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी. जिसके भुगतान के लिए डीएससी देने से इनकार किया गया.

उक्त कार्यो का ऑनलाइन डिजिटल हस्ताक्षर नहीं लगाने के कारण स्वीकृत कार्य अवरुद्ध हो रहे थे एवं निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत पूर्ण नहीं करवाए जा सके, पंचातय समिति को पन्द्रहवां वित्त आयोग, छठा राज्य वित्त आयोग योजनान्तर्गत राज्य सरकार से आवंटित राशि का उपयोग नहीं को लेकर के आरोपों का स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए 20 जनवरी तक की तिथि निर्धारित की गई थी. आरोप पत्र मे उल्लेख किया गया कि 20 जनवरी तक जवाब नहीं मिलने पर अग्रिम कार्रवाई अमल मे लाने के लिए उल्लेखित किया गया.

इधर निलंबित भाजपा प्रधान कमली देवी ने बताया कि मेरे उपर जो आरोप लगाए गए हैं वह निराधार है. मेरे द्वारा पूर्व मे कई बार मुख्य शासन सचिव, संयुक्त शासन सचिव, विकास अधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री को पत्र लिखकर के कार्यो की स्वीकृति की मांग करते हुए पंचायत के कार्यो के भुगतान की मांग की गई थी. मुझे पंचायत समिति से राजनीतिक द्वेषता के चलते निलंबित करवाया गया है.

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