जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट: दूल्हे ने बताया- आग में जल गए थे महिलाओं के कपड़े, शर्म के कारण बाहर नहीं आ पाईं

Ashok Sharma

26 Dec 2022 (अपडेटेड: Dec 26 2022 1:05 PM)

jodhpur cylinder blast: जोधपुर में गैस सिलेंडर त्रासदी में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है. अस्पताल में भर्ती 10 मरीजों को छुट्टी मिल गई है. इस घटना के 17 दिन बाद हादसे में झुलसे दूल्हे सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इतना भयानक मंजर कभी नहीं देखा था. लेकिन वापस उसे याद करके […]

Rajasthantak
follow google news

jodhpur cylinder blast: जोधपुर में गैस सिलेंडर त्रासदी में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है. अस्पताल में भर्ती 10 मरीजों को छुट्टी मिल गई है. इस घटना के 17 दिन बाद हादसे में झुलसे दूल्हे सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इतना भयानक मंजर कभी नहीं देखा था. लेकिन वापस उसे याद करके भी मेरी रूह कांप रही है. सुरेंद्र सिंह अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. इस दौरान राजस्थान तक के साथ खास बातचीत में आंखों देखा मंजर बताया.

यह भी पढ़ें...

सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मैं दोस्तों के साथ घर में घुसते ही दाएं हाथ की तरफ बने एक कमरे में तैयार हो रहा था. तब अचानक से धमाके के बाद तेज हवा के साथ आग अंदर आने लगी तो सभी कमरे से बाहर की तरफ भागे. लेकिन आंखो से कुछ दिख भी नहीं रहा था. फिर भी सभी रिश्तेदार तीन से चार बार गिर-गिर कर जान बचाने के लिए भाग रहे थे. इसलिए इतने झुलस गए.

बताया कि घर से बाहर निकलने का रास्ता बहुत छोटा था और रास्ता भी एक ही था. अंदर आग इतनी तेज भभक रही थी की आग के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था. जैसे ही मैं बाहर आया तो देखा कि एक के बाद एक आग में झुलस रहे लोग छोटे से दरवाजे से बाहर निकर रहे थे. यह कहानी बताते हुए सुरेंद्र सिंह की आंखे नम हो गई. फिर रुक कर वापस बोला की बारात की तैयारी लगभग पूरी हो हो चुकी थी. गोविंद सिंह, महिपाल सिंह सहित 3-4 दोस्त मुझे तैयार कर रहे थे. इसलिए अंदर से दरवाजा बंद था.

15- 20 मिनट बाद हम निकलने ही वाले थे कि अचानक कमरे के बाहर जोरदार 3-4 धमाकों की आवाज हुई. आग पूरे घर में फैल गई और मेरे कमरे में दरवाजों की छोटी दरारों में से आग अंदर आने लगी. तब हम सभी झुलसने लगे, लेकिन हमें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था की हो क्या गया है. फिर मेरे दोस्तों ने दरवाजा तोड़ा और जैसे ही बाहर निकलने लगे तो कुछ और ही मंजर था. लोग जले हुए नीचे पड़े थे. मैं भी 2-3 बार नीचे गिरा. सब परिवार वाले जोर-जोर से चिल्ला रहे थे.

सुरेंद्र सिंह ने बताया कि अब वह ठीक है लेकिन मेरा सब कुछ चला गया. कहते ही फिर रो पड़ा. फिर बोला कि महिलाओं के कपड़े जल गए थे, लेकिन घर के बाहर बैठे रिश्तेदारों के कारण शर्म आई तो पड़ोस में बने मकान में घुस गई और बेहोश हो गई. बारात में हम करीब 60 लोग जाने वाले थे, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थी. महात्मा गांधी हॉस्पिटल की बर्न यूनिट में काम कर रहे डॉ रजनीश गालवा ने बताया कि दूल्हे सुरेंद्र सिंह की हालत में 80% सुधार है और कुछ दिन बाद हम घर भेज देंगे.

    follow google newsfollow whatsapp