Kota: चंबल रिवर फ्रंट पर दुनिया की सबसे बड़े घंटी को लगाने की तैयारी पूरी कर ली गई है. घंटी को ढालने के लिए जयपुर से तीन टुकड़ों में लाए गए फाइबर के थ्री-डी मदर पैटर्न को जोड़कर फाइनल फिनिशिंग दे दी गई है. अब इसके सहारे विभिन्न धातुओं के मिश्रण (कास्टिंग अलॉय) को घंटी के आकार में ढालकर दुनिया की सबसे बड़ी घंटी को आकार दिया जाएगा.
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घंटी को बजाने के लिए दुनिया की सबसे लंबी साढ़े छह मीटर की चार सौ किलो वजनी ज्वाइंट लैस रिंग चैन भी तैयार की जाएगी. इसकी विशेषता यह होगी कि घंटी बजाते समय ये चैन अलग से आवाज नहीं करेगी. ऐसे में घंटी की आवाज की गुणवत्ता में सुधार होगा और ये पास खड़े लोगों को भी अच्छी लगेगी. घंटी की गूंज आठ किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी.
घंटी बनाने के विशेषज्ञ देवेन्द्र कुमार आर्य ने बताया कि घंटी को महज 15 मिनट के भीतर ही ढालना होगा. ऐसे में 2200 किलो धातुओं को एकसाथ ढालने के लिए 35 विशेष भट्टियां बनाई गई है. इसमें ढली धातुओं को चार विशेष पात्रों से सांचे तक पहुंचाया जाएगा. जिनकी टेस्टिंग कर ली गई है. अगले माह घंटी की ढलाई के लिए तैयारियां की जा रही है. तैयार घंटी सुनहरी रंग की नजर आएगी, जो वक्त के साथ और चमकीली होती जाएगी. यह इतनी मजबूत होगी कि पांच हजार साल तक भी इसका कुछ नहीं बिगड़ेगा.
उन्होंने बताया कि अभी तक दुनिया की सबसे बड़ी घंटी रूस व चीन में है. रूस में घंटी बनाते समय टूट गई थी. ऐसे में यहां टूटी घंटी प्रदर्शित की गई है. यह दोनों घंटियां 6 गुणा 6 डायमीटर की है. कोटा की घंटी सवा नौ मीटर ऊंची, साढ़े आठ मीटर चौड़ी और करीब 57 टन वजनी होगी. कोटा में बनने वाली. यह घंटी दुनिया की सबसे बड़ी होगी.
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