जाली नोटों के काले धंधे का ये तरीका उड़ा देगा होश, कहीं आप भी तो नहीं हो रहे शिकार?

Dinesh Bohra

19 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 19 2024 4:20 PM)

ये जाली नोट बाजार में आ रहे हैं और कब किसकी जेब में पहुंच रहे किसी को पता ही नहीं चल रहा.

पुलिस कस्टडी में आरोपी.
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राजस्थान (Rajasthan news) के सीमवर्ती जिले बाड़मेर (Barmer news) में जाली नोटों का कारोबार (Fake currency business in Rajasthan) खूब धड़ल्ले से चल रहा है. इस धंधे में शामिल आरोपी फेसबुक का इस्तेमाल कर कॉन्टैक्ट कर रहे हैं. हैरानी की बात तो ये है कि जाली के धंधे में शामिल लोग एक पेमेंट के लिए बाकायदा यूपीआई की इस्तेमाल कर रहे हैं. जाली नोटों की डिलीवरी डाक विभाग के जरिए हो रही है और विभाग को भी इसकी खबर दूर-दूर तक नहीं है. 

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ये नोट बाजार में आ रहे हैं और कब किसकी जेब में पहुंच रहे किसी को पता ही नहीं चल रहा. कब असली नोट के बदले जाली नोट पर्स में पहुंच रहे हैं इस बात की भनक तक किसी को नहीं लग रही. तो चलिए बताते हैं आपको इस नोटों के कारोबार की पूरी कहानी...

जाली नोटों के कारोबार की काली कहानी की शुरूआत होती है जब जालोर के दो और बालोतरा जिले के सिणधरी से एक आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है. तीनों के कब्जे से पुलिस को 72 हजार 500 (500-500 के नोट) के नोट मिलते हैं. पता चलता है कि ये नोट जाली हैं. फिर खुलने लगता है जाली नोटों की कहानी का परत-दर-परत... 

FB पर हुआ कॉन्टैक्ट फिर ऐसे मिली डिलीवरी

जब पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो जो बात सामने आई वो चकरा देने वाली थी. आरोपी ने बताया कि उसने फेसबुक से जाली नोट माफिया को कॉन्टैक्ट किया. जाली नोट के बदले यूपीआई से पेमेंट किया. फिर डा विभाग के स्पीड पोस्ट के जरिए एक लाख रुपए की जाली करेंसी मिली. पुलिस ने आरोपी राऊराम जाट को न्यायालय से 10 दिन के पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. 

जालोर जिले के बागरा गांव में पुलिस ने दो बाइक सवार सरूपराम जाट और खेताराम (ये आपस में रिश्तेदार हैं) को संदिग्ध मानकर भीनमाल जाने वाले रास्ते पर रोका. दोनों बालोतरा के रहने वाले हैं. तलाशी लेने पर उनके पास 500 रुपए के 41 नोट मिले जो जाली पाए गए. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में दोनों ने एड सिणधरी निवासी अपने चचेरे भाई (राऊ राम जाट) से मिलना बताया. इसके बाद जालोर पुलिस ने बालोतरा पुलिस को सूचना दी. बालोतरा एसपी के निर्देश पर दबिश देकर राऊराम को गिरफ्तार कर लिया गया.इसके कब्जे से 500-500 रुपए के 104 नोट (52 हजार के जाली नोट) बरामद किए गए.  

प्रतियोगी छात्र है आरोपी, ऐसे पहुंचा गिरोह तक

पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है. आरापी राऊराम ने फेसबुक पर नकली नोट के वीडियो देखे थे. उन्हीं वीडियो में से एक में उसे कॉन्टैक्ट नंबर मिले. कॉन्टेक्ट किया तो 35 हजार रुपए के बदले एक लाख के जाली नोट देने की बात कही गई. कहा गया कि ऑनलाइन पेमेंट कर दो, स्पीड पोस्ट के जरिए जाली करेंसी तुम्हारे पत्ते पर पहुंच जाएगी. राऊराम का कहना है कि उसने किश्तों में ऑनलाइन पेमेंट किया और किश्तों में ही उसे 1 लाख रुपए के जाली नोट डाक के जरिए मिले. 

27 हजार के जाली नोट बाजार में खपा दिया

आरोपियों ने 27 हजार के जाली नोट तो बाजार में खपा दिए, लेकिन जालोर खरीददारी के लिए गए चचेरे भाई और एक युवक को पुलिस ने 20 हजार 500 रुपए की जाली करेंसी के साथ पकड़ लिया. उसके बाद राऊराम भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया.

पोस्ट ऑफिस को नहीं पता होता, लिफाफे में क्या है 

पोस्ट ऑफिस के सुप्रीटेंडेट अखाराम बोस के मुताबिक भारतीय डाक सेवा द्वारा भेजे गए पोस्ट (लिफाफे) में क्या है, इसके बारे में कुछ पता नहीं होता. यदि किसी लिफाफे से मादक पदार्थों की दुर्गंध आती है तो उस पोस्ट को होल्ड पर रख दिया जाता है. हालांकि, स्पीड पोस्ट करने वाले से पूछा जरूर जाता है कि लिफाफे में क्या है ?

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