शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी (Shiv MLA Ravindra Singh Bhati) ने 36 कौम की बैठक में बाड़मेर-जैसलमेर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. उनके इस ऐलान के बाद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी कैलाश चौधरी की मुश्किलें बढ़ने वाली है. अब इस सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा.
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निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करने से पहले भाटी ने बैठक में उपस्थित लोगों से कहा, "लांठा हो तो ही हांकारो दया' (मजबूत हो तो ही हां भरना). क्योंकि रविन्द्र नाम की गाड़ी में रिवर्स का सिस्टम नहीं है. अगर आप मजबूती से साथ देंगे तो मैं भी मजबूत हूं. किसी को कहीं दबने नहीं दूंगा."
4 अप्रैल को दाखिल करेंगे नामांकन
शिव विधायक भाटी ने यह भी बताया कि आने वाली 4 अप्रैल को वह नामांकन दाखिल करेंगे. उनके इस ऐलान के बाद राजस्थान की सियासत में हलचल तेज हो गई है. अब इस सीट पर उनके मैदान में उतरने से बीजेपी-कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है.
कांग्रेस ने उम्मेदाराम बेनीवाल पर खेला दांव
बीजेपी ने जहां बाड़मेर-जैसलमेर सीट से केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को लगातार दूसरी बार अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने आरएलपी नेता उम्मेदाराम बेनीवाल को कांग्रेस में शामिल करवाकर अपना उम्मीदवार घोषित किया है. अब रविंद्र सिंह भाटी के निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.
बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय लड़ा था विधानसभा चुनाव
विधानसभा चुनाव 2023 से पहले रविंद्र सिंह भाटी भाजपा में शामिल हुए थे. लेकिन उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने पार्टी से बगावत करते हुए शिव विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनकी रैलियों में भारी भीड़ देखने को मिली थी जिसकी खूब चर्चा हुई थी. अब बाड़मेर-जैसलमेर सीट से निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करके वह फिर से चर्चा का केंद्र बन गए हैं.
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